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सिकन्दराराऊ : विमल साहित्य संवर्धक संस्था के तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत जनमाष्टमी के उपलक्ष्य में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कवि सम्मेलन हाथरस रोड़ स्थित सर्वोदय पब्लिक स्कूल में सम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता की बिलराम के राष्ट्रीय गीतकार डॉ. अजय अटल ने की और सन्चालन अवशेष विमल ने किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी अंकुर वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. शरीफ अली, महेश यादव संघर्षी, राधाचरण यादव और सीपी सिंह उपस्थित रहे। सर्वोदय पब्लिक स्कूल स्टाफ एवं समिति के पदाधिकारियों द्वारा सभी आमन्त्रित कवियों एवं अतिथियों का फूलमाला पहनाकर भव्य स्वागत सम्मान किया गया।
विमल साहित्य संवर्धक संस्था के उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव ने इस अवसर पर कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से यह संदेश मिलता है कि हमें अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध खड़े रहना चाहिए। आयोजक सर्वोदय विद्यालय के प्रबन्धक अमीर सिंह यादव ने सबका आभार व्यक्त करते हुए मंच से केक काटकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया।
काव्यपाठ की शुरुआत गीतकार डॉ. अजय अटल की सुमधुर वाणी वंदना से हुई। इसके बाद कासगंज से पधारे आतिश सोलंकी ने बेटियों को समर्पित कविता पढ़ी –
अनमोल हैं रतन ये खुशियां हैं उम्र भर की
घर को बनाती जन्नत हैं बेटियां ही घर की।
दिल्ली के गीतकार सर्जन शीतल ने पढ़ा-
सार दुनिया का था एक जिस शब्द में,
मैंने कागज पे वो शब्द माँ लिख दिया।
अलीगढ़ से पधारे धर्मेन्द्र विद्रोही ने सामाजिक समरसता पर पढ़ा – क्रोध, ईर्ष्या, झूठ लड़ाई बैर भाव मिट जाता
वश में होता मेरे तो मैं ऐसा धर्म बनाता।
आगरा से आये मोहित सक्सेना ने देशभक्ति का स्वर प्रखर किया-
चटख रंग इस तिरंगे का कहीं फीका न पड़ जाये,
पत्नियां मांग के सिन्दूर का सिंगार देती हैं।
बिलराम के गीतकार डॉ. अजय अटल ने जीवन पर केंद्रित यह गीत पढ़ा-
जीवन वन में नागफनी ही दिन दिन सघन हुई।
जितनी सुबिधा बढ़ीं जिंदगी उतनी सरल हुई।
लोधा के कवि जाहिद खान राहत ने पढ़ा –
तुम्हारी समझ से परे राधे राधे।
कन्हैया भी हर पल रटे राधे ।
शिवम कुमार आज़ाद ने पढ़ा-
तुम्हारे वतन में लहू बह रहा है।
हमारे लहू में वतन बह रहा है।
अवशेष विमल ने पढ़ा-
आज तो देश के प्रेम का रंग ले,
हो गए हैं तिरंगा तुम्हारे नयन।
इसके अलावा हास्यकवि देवेंद्र दीक्षित शूल, पंकज पंडा, अवनीश यादव और राजकिशोर राज ने भी काव्यपाठ किया।
इस अवसर पर हनीश लेखपाल, रविकांत धवन, कृष्णकांत कौशिक, देवा बघेल, रामबाबू, अजीत यादव, त्रिभुवन नारायण शर्मा आदि उपस्थित रहे।

vinay

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