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सिकंदराराऊ : जब भाजपा नेत्री के पुत्र को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए इतनी जद्दोजहद करनी पड़ रही है तो आखिर आम आदमी के लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाना कितना मुश्किल काम है। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है । मंगलवार को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने में तहसीलदार और लेखपाल द्वारा की जा रही हीलाहवाली से तंग आकर भाजपा महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा ने तहसील परिसर पर जमकर हंगामा काटा। तहसील कार्यालय की छत पर झड़ने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। भाजपा नेत्री ने सरकार की नीतियों का मखौल बनाए जाने के लिए तहसील प्रशासन की कड़ी आलोचना की है।
भाजपा महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र के लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था। लेकिन लेखपाल विनय सेंगर द्वारा लगातार उनको गुमराह किया जा रहा था कि उनका ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बन चुका है। लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया। सोमवार को भी फोन पर बात हुई थी, तो कहा था कि प्रमाण पत्र बन चुका है लेकिन अभी तक प्रमाण पत्र नहीं बना है। जब वह तहसीलदार से इस बारे में शिकायत करने के लिए पहुंची तो उसे तहसीलदार अपने चेंबर का दरवाजाबाद अंदर से बंद कर के बैठे हुए थे और कर्मचारी ने बोल दिया कि तहसीलदार साहब कहीं बाहर गए हैं। जब वह तहसीलदार न्यायालय परिसर के अंदर से पिछले दरवाजे से ऑफिस में दाखिल हुई तो वहां पर तहसीलदार बैठे गपशप कर रहे थे। उन्होंने आवेदन फार्म पर साइन करने से मना कर दिया। कर्मचारी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं। आम लोगों को काम करने से परेशान किया जाता है। लोगों को छोटे छोटे काम के लिए कई कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। मंगलवार को तहसीलदार से नोकझोंक होने के बाद भाजपा नेत्री कमलेश शर्मा तहसील कार्यालय की छत पर आत्महत्या करने के लिए चढ़ने लगी तो सीड़ियों पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकना शुरू कर दिया। सिटी इंचार्ज भवानी शंकर शर्मा मय हमराह पुलिस महिला कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुंच गए।वह भाजपा नेत्री को समझा-बुझाकर नीचे उतार कर लाए फिर तहसीलदार के ऑफिस में पहुंचकर भाजपा महिला नेत्री कमलेश शर्मा की तहसीलदार के साथ काफी तीखी झड़प हुई।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। यह आरक्षण आर्थिक रूप के आधार पर मिलेगा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए सरकार ने नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर इन लोगों के लिए यह बेहतरीन सौगात है। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। देशभर में सर्टिफिकेट बनवाने के लिए युवाओं को भागदौड़ करनी पड़ती है। प्रमाण पत्र के लिए सबसे पहले अभ्यर्थी को स्वयं की जाति के लिए कोई साक्ष्य देना होगा । जैसे जाति प्रमाण पत्र या जमाबंदी की प्रति या अन्य कोई दस्तावेज अभ्यर्थी को सबसे पहले आवेदन पत्र भरना होगा। इसमें अपनी आय और आय के स्रोत दर्शाने होंगे। आवेदन फार्म ईमित्र या लोक मित्र के जरिए भरा जाएगा।आवेदन भरने के बाद उसमें दस्तावेज जोड़ने होंगे। दस्तावेजों में मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड , जमाबंदी की नकल ,पैन कार्ड, फार्मू16 या बैंक स्टेटमेंट या आय प्रमाण पत्र भी साथ में देना होगा। शपथ पत्र नोटरी होने के बाद अभ्यर्थी को सबसे पहले पटवारी हल्का रिपोर्ट करवानी होगी। पटवारी द्वारा रिपोर्ट करने और हस्ताक्षर पश्चात ईमित्र पर जाना होगा। ईमित्र द्वारा लाइन सबमिशन किया जाएगा। दस्तावेज ऑनलाइन सबमिट होने के बाद 15 दिन के अंदर ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनकर आ जाएगा। यह तो रहे सरकारी नियम, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है । आम लोगों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। तहसील मुख्यालय से लेकर लेखपाल के दरवाजे तक दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। लेकिन ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र नहीं बनता है। यह किसी एक व्यक्ति की समस्या नहीं है । इस समस्या से अनगिनत लोग जूझ रहे हैं। भाजपा नेत्री कमला कमलेश शर्मा तो एकमात्र उदाहरण हैं। ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे। जिनको ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

vinay

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