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सिकंदराराऊ : नगर के प्रमुख अधिवक्ता, कवि एवं वरिष्ठ समाजसेवी देवेन्द्र दीक्षित शूल ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा है कि तहसील सिकंदराराऊ में अधिवक्ताओं और किसानों के सामने सबसे बड़ी परेशानी राजस्व अभिलेखों में फीडिंग से आ रही है। बैनामा आदि के आधार पर नामांतरण आदेश के बाद आदेशों का खतौनी पर आने में बहुत परेशानी होती है। जिलाधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अधिवक्ता ने जिलाधिकारी से कहा है कि काफी दिनों बाद भी मुश्किल से कंप्यूटर से खतौनीमें नाम आ पाता है। इस प्रक्रिया में यदि कहीं थोड़ी भी गलती हो गई तो संशोधन की प्रक्रिया की कठिनाई झेलनी पड़ती है। इसके अलावा साधारण रूप से भी खतौनी प्राप्त करने में काफी परेशान आ रही है। कभी कंप्यूटर खराब है तो कभी सरकारी काम किया जा रहा है तो कभी कनेक्टिविटी नहीं आ रही है आदि कारण बताकर कई कई दिन तक नकल खतौनी नहीं दी जाती है।वहीं नया खतौनी रजिस्टर बनने पर पूर्व केशों का समायोजन भी प्रायः नहीं होता है। वहीं उसमें भी तमाम गलतियां रह जाती हैं जो कृषक को और अधिक सिरदर्द प्रदान करती हैं ।
आदेशों की अमल दरामद में भी कभी नाम गलत तो कभी रखवा गलत लिख दिया जाता है । जिसका पुनः संशोधन कराना पड़ता है । अभी 4 दिन से नकल खतौनी ही नहीं मिल पा रही हैं कारण बताया जाता है कि ऊपर से ही परेशानी है ।वैसे अन्य समस्याएं भी हैं किंतु इन समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान कराने की कृपा करें।
जिलाधिकारी ने अधिवक्ता की मांग पर उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।
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