इस कलियुगी रावण की दुनिया झूठ और बेईमानी का अधिक बोलबाला है। लेकिन कुछ अच्छे, और सच्चे और ईमानदार लोग आज भी है ,जो अपनी ईमानदारी, मेहनत लगन व कठिन श्रम करके जीवन जीने पर विश्वास रखते है। ऐसे ही रिक्शा चालक महेश चंद्र ने करके दिखाया जो आज इस दुनिया मे बहुत थोड़े करते है।
गत रविवार को अग्रसेन सेवासदन में श्रीमद भागवत कथा का भंडारा चल रहा था । कार्यक्रम की सेवा व्यवस्था संभाल रही ब्रह्माकुमारी बबिता बहिन का अचानक रुपयों से भरा पर्स कहीं गिर गया। पर्स में भंडारे के लिए दान में आयी हुई नकदी व जरूरी दस्तावेज भी थे। काफी समय ढूढने के बाद भी पर्स नही मिला।
अचानक यह पर्स रिक्शा चालक महेश चन्द्र को मिल गया। पर्स में नकदी भी थी। जिसको पाकर किसी का भी मन लोभ में आ सकता था। लेकिन महेश ने ऐसा नही किया उन्हें जैसे ही पता चला कि यह पर्स आश्रम की बहिनजी का है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी आश्रम पर पहुंच कर पर्स को, बहिन जी को वापिस किया। और कहा कि हम भले गरीब है लेकिन सच्चाई ईमानदारी और मेहनत से कमाकर जीने में विश्वास रखते है।
ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से महेश की ईमानदारी और सच्चाई पर बीके भावना बहिन ने महेश को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया।
INPUT – BUERO REPORT
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