Visitors have accessed this post 101 times.
सिकंदराराऊ । भाईचारा सेवा समिति के तत्वावधान में हिन्दी दिवस पर विराट कवि सम्मेलन व विचार गोष्ठी का आयोजन अग्रसेन स्कूल में वन्दना सक्सैना की अध्यक्षता व आतिश सोलंकी के संचालन में सम्पन्न हुआ ।
समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि विश्राम सिंह यादव, श्रीमती वन्दना सक्सैना, भाईचारा सेवा समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव,जिला सहकारी बैंक के निदेशक नरेन्द्र सिंह जादौन, डाँ. शरीफ अली, संजय वार्ष्णेय प्रवक्ता, नरेश चतुर्वेदी व महेश यादव संघर्षी ने दीप प्रज्वलित करके किया ।
मुख्य अतिथि विश्राम सिह यादव ने कहा कि हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है यह भाषा भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती है ।
विशिष्ट अतिथि ठा.नरेन्द्रसिंह जादौन निदेशक जिला सहकारी बैंक व हरपाल सिह यादव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाईचारा सेवा समिति ने कहा कि हिंदी ने राष्ट्रीय एकता का मार्ग प्रशस्त किया। भारत का विकास और राष्ट्रीय एकता की रक्षा भाषाओं के पूर्ण विकास से ही संभव है।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ सोरों के कवि शिवम भारद्वाज “अश्क” की सरस्वती वंदना से हुआ।
सिकन्द्राराऊ के वरिष्ठ कवि विवेकशील राघव ने पढा
नहीं संवेदना ऐसी किसी भी और भाषा में
वतन को जोडने का इक सरल अभियान है हिंदी……
शायर आतिश सोलंकी ने पढा
भारत माता के चेहरे की रोली वाली विन्दी हूँ
भाषाओं के इस फैशन में दबी ढकी में हिन्दी हूँ..
गाजियाबाद से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार ने पढा
क्या कृषि की विकसित तकनीकी, मानवता को संचारे भी
या फिर उद्योग नीति तुम को मानव के शिशु दे जायेगी…
शायर शिवम भारद्वाज अश्क ने पढा
इश्क की जलती किताब हूँ
कोई पढना सकेगा वो जबाब हूँ मैं……..
हास्यकवि कवि पंकज पंडा ने पढ़ा –
हिंदी का गुणगान करें हम।
कण कण को रसखान करें हम।
अवशेष विमल ने सुनाया –
हिंदी का है तन और हिंदी का है मन।
हिंदी की धरा है और हिंदी का गगन।।
इनके अलावा कवयित्री मीरा माहेश्वरी, कवयित्री संतोष पौरुष,अवनीश यादव, कवि कुमार शिव संभव आदि ने भी हिन्दी के सम्मान में काव्यपाठ किया।
हिंदी दिवस के अवसर पर सभी हिंदी सेवकों एवं अतिथियों का गरिमामयी सम्मान आयोजक हरपाल सिह यादव, हास्यकवि पंकज पण्डा व कवि धीरु वर्मा द्वारा किया गया।
समारोह में प्रमुख रुप से सौरभ पुंढीर, शैलू यादव नेताजी, नागेन्द्र सिह चौहान, श्रीमती ऊषा अग्रवाल,रिंकू यादव, देवा बघेल,डाँ. अबधेश कुमार, हसरुद्दीन शाह,मनोज कुमार यादव, मोनू कश्यप, पवन वार्ष्णेय, आदि थे ।
इनपुट : विनय चतुर्वेदी