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कस्बा पुरदिलनगर में होली के उपलक्ष्य में फूल डोल मेला के दूसरे दिन विराट कवि सम्मेलन का आयोजन मेला कमेटी के तत्वावधान में हुआ । जिसमें हास्य कवि जय कुमार जय ने पढ़ा
‘खुद जाड़ो में घर न छोड़ो मुझसे बोली भारत जोड़ो, टी-शर्ट में घुमा खूब कुंवारा मैया मेरा ब्याह करा दो जल्दी से पीएम बनवा दो गया में तो सड़कों पर घूम घूम धूम मचाले धूम मचाले।
कवित्री रचना गोस्वामी ने पढ़ा
“लगे हैं प्यार पर पहरे इन्हें तू तोड़ के आजा
बेवफा जमाने में तू मुंह मोड़ के आजा
तू मेरा है सभी को छोड़ कर आना।
प्यार मैंने किया तुझसे कोई चोरी नहीं की ।
कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा –
सबसे बड़ी दफा रफा-दफा कानून भी हो जाता है
इसका उसे कहते हैं दारुल सफा चमचों की दुकान जहां नफा ही नफा।
कवि बलराम सरस ने पढ़ा –
तिरंगा मान है अपना
तिरंगा आन है अपनी।
तिरंगा गर्व है अपना
तिरंगा शान है अपनी।
कवित्री अलका अद्भुत ने पढ़ा –
मैं हिंदू हूं मैं मुस्लिम हमें ईमान प्यारा है,
पीढ़ियों को सिर्फ अपना नाम प्यारा है।
धर्म के नाम पर इंसानियत को बांटने वालों,
हमें मंदिर मस्जिद नहीं हमें हिंदुस्तान प्यारा है।
कवि दत्तात्रेय द्विवेदी ने पढ़ा-
मैं भी आंसू पी लिए तो जीना आ गया
नफरत से भरी साल को भी जीना आ गया
कुछ लोग दूसरों की कमाई पर जिंदा है
मेहनत से रोटी खाने में पसीना आ गया ।
संचालन राम राहुल ने किया अध्यक्षता मेला कमेटी अध्यक्ष सुरेश चंद्र आर्य ने की ।
इस मौके पर सचिन दीक्षित, बंटी आर्य, अनिल माहेश्वरी, बॉबी जाखेटिया, अनिरुद्ध व्याणी, दिनेश गुप्ता, वरुण राठी, विनीत जाखेटिया सोनू व्याणी, शैलेश काकाणी, मनोज काकाणी, बोहरे पहलवान शशी शर्मा, हरीश गोयल, सोनू शर्मा, गौरव सोनी, निखिल चैचाणी, महेश यादव आदि लोग मौजूद रहे ।

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