Visitors have accessed this post 598 times.

सहपऊ के प्राचीन मां भद्रकाली मंदिर पर नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की गई। देवी भक्तों ने माता रानी का अभिषेक कर मनौती मांगी।मंदिर पर सुबह से शाम तक काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही।
मान्यता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। मां कात्यायनी का स्वभाव बेहद उदार है और वह भक्त की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऋषि कात्यायन माता के परम भक्त थे। इनकी तपस्या से खुश होकर ही देवी मां ने इनके घर पुत्री के रुप में होने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की बेटी होने के कारण मां को कात्यायनी कहा जाता है।

 

input : akhilesh