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विश्व होम्योपैथी दिवस का उद्देश्य भारत एवं विश्व में होम्योपैथी की दशा एवं दिशा, राष्ट्रीय नीतियों के विकास की रणनीति तैयार करना, होम्योपैथी औषधियों की सुरक्षा, गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता को मजबूत करना, उच्च स्तरीय गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा, अन्तरपद्धति और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग, प्रमाण आधारित चिकित्सा कार्य एवं विभिन्न देशों में स्वास्थ्य देख भाल सेवाओं में होम्योपैथी को उचित स्थान दिलाकर सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लक्ष्य को प्राप्त करना है। दुनियाभर में 10 अप्रैल को ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जाता है होम्योपैथी दिवस होम्योपैथी के संस्थापक जर्मनी के डॉ. क्रिश्चिन फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमेन के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है

यह है इस बार की थीम

इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से जूझ रही है, ऐसे में अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि इसका महत्‍‍व और भी बढ़ गया है. इस साल वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम है, ‘एक निष्‍पक्ष और स्‍वस्‍थ दुनिया का निर्माण’ करना। डब्ल्यूएचओ के स्थापना दिवस को हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती रही है. यह थीम उस खास वर्ष में स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारणों और विषय के आधार पर रखी जाती है. इसके जरिये यह संदेश दिया जाता है कि दुनिया में सभी को न सिर्फ अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक होना चाहिए, बल्कि सभी तक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं भी पहुंचनी चाहिए|

INPUT – सपना सक्सेना

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