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” जात धर्म में बंटता भारत”
उठो देश के नौजवानो,
तुमसे है उम्मीद नई ।
जात धर्म के संकट में पड़ रही,
हमारी पीढ़ी नई।
तुम भारत के नवयुवकों मैं,
संदेश एकता का फैला दो।
जो दीवाल पड़े रस्ते मैं,

उसको तुम मैदान बना दो।
दिखला दो सारी दुनियां को,
हम सब हैं भाई- भाई।
इसी मंत्र के द्वारा ही, हमने स्वतंत्रता है पाई।

 

रामगोपाल सिंह
मुरसान, हाथरस

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