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श्रावस्ती। उप निदेशक कृषि जसपाल ने बताया है कि चूहा एवं छछूंदर नियंत्रण पखवाड़ा 02 अप्रैल, 2018 से 16 अप्रैल, 2018 तक चलेगा। उन्होने बताया कि चूहा नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत प्रथम दिन मुनादी कराकर जन सामान्य को अभियान के बारे जानकारी दी जायेगी, दूसरे दिन बैठक कर लोगों को अभियान के उद्देश्य व किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी जायेगी, तीसरे दिन क्षेत्र भ्रमण एवं कार्यस्थल की पहचान करना, चैथा दिन खेत निरीक्षण एवं बिलों को बन्द करते हुए चिन्हित कर झण्डे लगाना, पांचवे दिन खेत का निरीक्षण कर जो बिल बन्द हों वंहा झण्डें हटा दिया जायेगा जंहा पर बिल खुले पायें वंहा झण्डा लगे रहने दें। खुले बिल में एक भाग सरसों का तेल एवं 48 भाग भुना चना/गेंहू/चावल आदि से बने चारे को बिना जहर मिलायें बिल में रखें, छठे दिन बिलों का निरीक्षण कर बिना जहर का चारा पुनः रखें, सातवें दिन जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 1.0 ग्राम को 1.0 ग्राम सरसों का तेल एवं 48 ग्राम भुना चना/गेंहू/चावल आदि से बने चारे को बिल में रखे, आठवें दिन बिलों का निरीक्षण करें एवं मरे हुए चूहों को एकत्र कर जमीन में गाड़ दें, नवें दिन बिलों को पुनः बन्द करदें।
उप निदेशक कृषि ने बताया कि दसवें से पन्द्रहवें दिन के बीच अगले दिन यदि बिल खुले पाये जाये तो कार्यक्रम दसवें से पन्द्रहवें दिन पुनः अपनायें। घरों में चूहा नियंत्रण हेतु ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत की टिकिया या जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 1 ग्राम सरसों के तेल एवं 48 ग्राम भुना चना/गेंहू/चावल आदि से बने चारे को बिल में रखें। चूहादानी का प्रयोग करके उसमें आकर्षक चारा जैसे-रोटी, डबलरोटी, बिस्कुट आदि रखकर चूहों को फसा कर मार दें।
उप निदेशक कृषि ने बताया कि चूहा नियंत्रण के दौरान कुछ सावधानियां जरूर बरतें जैसे चूहा रसायनों का प्रयोग करते समय हाथ में दस्तानें पहने, रसायनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें, मरे चूहों को सावधानी पूर्वक घर से बाहर मिट्टी में दबा दें तथा दवा के प्रयोग के दौरान घर में रखी खाद्य सामग्री इत्यादि को अच्छी तरह से ढक दें।
रिपोर्ट : प्रदीप गुप्ता









