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हाथरस : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई घटना को लेकर देश व प्रदेश में कल मॉक ड्रिल का अभ्यास किया जा रहा है, जिस दौरान लोगों को आपात स्थिति के लिए तैयार कराया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को आग, भूकंप, चिकित्सा जैसी आपात स्थिति या आतंकवादी हमलों के लिए तैयार करना है। मॉक ड्रिल के दौरान ये देखा जाता है कि आपात स्थिति के दौरान लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रहने वाली है। नागरिक सुरक्षा जिलों से लेकर गांव स्तर तक विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं, हवाई हमले के सायरन सक्रियण: हवाई खतरों के मामले में नागरिकों को सचेत करने के लिए प्रणालियों का परीक्षण। ब्लैकआउट उपाय: युद्ध के दौरान गुप्त प्रक्रियाओं की नकल करने के लिए नकली बिजली बंद करना होगा। पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत 7 मई को 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रहा है. इसका उद्देश्य युद्ध या आपदा की स्थिति में नागरिकों को बचाव और प्रतिक्रिया की व्यावहारिक जानकारी देना है. यह अभ्यास 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर हो रहा है, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों के जिलों में यह मॉक ड्रिल की जाएगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास इसलिए जरूरी है ताकि नागरिकों को सायरन, अलर्ट सिस्टम और आपात स्थिति में बचाव के तरीकों की व्यावहारिक जानकारी दी जा सके. इसके जरिए नागरिक सुरक्षा संगठन (Civil Defence) की भूमिका को मजबूत किया जाएगा, ताकि युद्ध जैसे हालात में जान-माल की रक्षा की जा सके।
INPUT – BUERO REPORT

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