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हाथरस। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश श्री विनय कुमार के आदेशानुसार, जनपद न्यायालय हाथरस में “राष्ट्र के नाम विशेष मध्यस्थता अभियान” का संचालन किया जा रहा है। यह अभियान दिनांक 01 जुलाई 2025 से 30 सितम्बर 2025 तक संचालित किया जाएगा। इसका उद्देश्य लंबित वादों का त्वरित निस्तारण आपसी समझौते के माध्यम से करना है।
इस अभियान के अंतर्गत सभी न्यायालयों से ऐसे वादों की पत्रावलियाँ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस को प्राप्त हो रही हैं, जिनका समाधान मध्यस्थता द्वारा संभव है। अभियान में जिन मामलों को शामिल किया गया है, वे हैं:
वैवाहिक विवाद
मोटर दुर्घटना दावा
घरेलू हिंसा
चेक बाउंस
वाणिज्यिक विवाद
सेवा संबंधी विवाद
शमनीय आपराधिक मामले
उपभोक्ता विवाद
ऋण वसूली
भूमि अधिग्रहण
संपत्ति का बंटवारा
बेदखली से संबंधित मामले
अन्य उपयुक्त दीवानी वाद
इन मामलों में न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थों द्वारा दोनों पक्षों से संवाद कर आपसी सहमति से समाधान कराया जा रहा है। अब तक 30 मामलों का सफलतापूर्वक समझौता कराया जा चुका है। इन समझौतों से न केवल पक्षकारों को शीघ्र न्याय प्राप्त हुआ, बल्कि उनके धन व समय की भी बचत हुई एवं आपसी संबंधों में भी मधुरता आई।
अपर जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री प्रशान्त कुमार ने बताया कि यह अभियान न्यायिक बोझ को कम करने और आमजन को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
आमजन, वादकारियों तथा विधि व्यवसायियों से अपील है कि वे जुलाई 2025 के भीतर अपने-अपने प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालयों में प्रस्तुत कर इस अभियान का लाभ लें और अपने मामलों का निस्तारण सुलह एवं मध्यस्थता के माध्यम से कराएं।
यह अभियान एक प्रयास है – न्याय को सरल, सुलभ और सशक्त बनाने का। आइए, इस पहल का हिस्सा बनें।
आपसी सुलह न केवल विवादों को समाप्त करती है, बल्कि रिश्तों में भी मिठास लाती है।