Visitors have accessed this post 100 times.
हाथरस : निःस्वार्थ सेवा संस्थान ने रोटी बैंक की शुरुआत की थी। इस सेवा कार्य ने अपने 2800 सफल दिन पूरे कर लिए। यह दिन संस्था के लिए गर्व का क्षण और जरूरतमंदों के लिए आशा की किरण बन गया।
शनिवार को इस विशेष अवसर पर संस्था द्वारा एक उत्सव का आयोजन किया गया जिसमे केक काटकर इस ऐतिहासिक दिन का स्वागत किया गया और भोजन प्राप्त करने वाले सभी लोगों के साथ इस मौके को और खास बनाने के लिए सभी जरूरतमंदों को खीर परोसी गई, जिससे उनके चेहरों पर खुशी और संतोष झलक उठा।
संस्था के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना था – “सेवा केवल देने का नाम नहीं है, यह वह पुल है जो दिलों को जोड़ता है।“जब किसी भूखे को रोटी मिलती है, तो उसकी आँखों में जो चमक आती है, वही हमारे प्रयासों की असली सफलता है।”
रोटी बैंक की इस यात्रा में हजारों लोगों का सहयोग और योगदान जुड़ा है। कोई समय देकर सेवा करता है, तो कोई अन्नदान से इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनता है। “निःस्वार्थ सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है” – यही भावना हर दिन संस्था को आगे बढ़ने की शक्ति देती है।
इस 2800वें दिन की खासियत सिर्फ संख्या नहीं थी, बल्कि यह विश्वास था कि सेवा का यह कारवां आगे भी और लंबा सफर तय करेगा। निःस्वार्थ सेवा संस्थान ने यह साबित किया है कि अगर इरादे सच्चे हों तो छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ी सकारात्मक लहर पैदा कर सकते हैं।
आज का दिन केवल संस्था के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए भी खास था, जिन्होंने कभी न कभी इस रोटी बैंक से जुड़कर अपने जीवन में तृप्ति और खुशी पाई। इस अवसर पर अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, सचिव नीरज गोयल , कॉर्डिनेटर चंद्र प्रकाश अग्रवाल , सह सचिव तरूण राघव , सह सचिव निश्कर्ष गर्ग , डॉ रंगेश शर्मा , सतेंद्र मोहन , अवधेश कुमार बंटी, रितिक बंसल , दीपांशु वार्ष्णेय, विशाल सोनी, सुलभ गर्ग, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे । 









