Visitors have accessed this post 1623 times.
आज हर शाम तन्हा गुजर जाती है,
किसी की याद में आंखे भर जाती है,
बेचैनियों में काटती है मेरी राते,
हर रात तन्हा गुजर जाती है,
कोई शामिल नही मेरे दर्द में तेरे सिवा,
अब हर कोई गैर नजर आता है,
कोई रूबरू हो अगर मेरी ज़िंदगी की कहानी से,
कितने तन्हा थे पहले हम,
मगर आज तेरे साथ जीने के अरमान बढ़ने लगे हैं,
तमाम उम्र अकेले रहे ,
आज तेरे साथ ने जीने का सहारा दिया,
कैसे कह दूं कि तू साथ नही,
मुझे तो हर सांस में तेरी मौजूदगी लगती है,
लोग कहते हैं कि प्यार एक फरेब है,
मगर मेरे लिए प्यार एक दुआ है,
उन दुआओं में बस असर इतना हो,
कि तू भी मेरे साथ रहने की दुआ करे,
मेरी ज़िंदगी रात के अंधेरे सी हो गयी है,
कोई उम्मीद की रोशनी है,
जो मेरी आँखों मे जीने की ख़्वाहिश जगाती है,
कोई उम्मीद बाकी है,
जो चुपके से आके गले लग जाती है,
उसकी आगोश में तन्हा सो जाती हूँ,
कोई मीठा सा ख्वाब देख कर,
जीने की उम्मीद जग जाती है,
‘उपासना पाण्डेय’आकांक्षा
यह भी पढ़े : मनुष्य के पाप कर्मों द्वारा मिलने वाली सजाएं
अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA एप
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tv30ind1.webviewapp