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सासनी : गांव रूदायन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बुधवार को पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु उस समय भाव-विभोर हो उठे जब कथावाचक पंडित शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धर्म ग्रंथ नहीं बल्कि यह मैनेजमेंट बुक है, इसमें हर बात का समाधन है।
शास्त्री जी ने कहा कि केवल धर्म ग्रंथों का अध्ययन करना मनुष्य के लिए हितकर नहीं है। धर्म ग्रंथों को अपने जीवन में उतारना ही सच्ची भक्ति है। इससे न केवल हम स्वयं का बल्कि समाज का कल्याण कर सकते हैं। श्रीराम, कृष्ण के आदर्शों को हम अपने जीवन में उतारकर परम उत्कर्ष को प्राप्त कर सकते हैं। शास्त्री महाराज ने कहा कि निस्वार्थ भाव से की गई भक्ति से प्रभु अवश्य प्रसन्न होते हैं। प्रभु सदैव अपने भक्तों के हर समय आस-पास ही रहते हैं। जब भी उस पर कोई विपदा आती है तो वे तत्क्षण उसकी सहायता भी करते हैं। कथा के दौरान राजा परीक्षित बने रामस्वरूप तथा उनकी पत्नी भूदेवी के साथ गांव के सैकडों भगवद्भक्त मौजूद थे। भगवान की कथा के दौरान खूब माखन मिसरी, खिलौने आदि बांटे गए।

इनपुट : आविद हुसैन

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