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शुक्लागंज : सर्वे संतु निरामयः जिसका शाब्दिक अर्थ है कि सभी लोग निरोगी रहें। इन्हीं भावनाओं के साथ कुछ युवाओं ने इसे संकल्पित करने के लिए एक टीम बनाई औऱ निकल पड़े इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए। जब देश में एक तरफ वैक्सीन को लेकर तमाम तरह की अफवाहें फैल रही थी। ऐसे में इन युवाओं ने कैंप के जरिए लोगों का रजिस्ट्रेशन करने के साथ वैक्सीन लगवाने का काम किया।
2 युवाओँ की टीम से हो गए 40 सदस्यीय
उन्नाव जिले के शुक्लागंज के दो युवाओं शिवेंद्र सिंह औऱ विट्ठल गोस्वामी ने इस बढ़ती कोरोना महामारी के दौरान सर्वे संतु निरामयः की एक टीम बनाई और जुट गए लोगों की मदद के लिए। इस दौरान इन लोगों की टीम 40 सदस्यीय हो गई और इन लोगों ने यूपी के तमाम शहरों के साथ ही कई प्रदेशों तक सहायता पहुंचाने का काम किया। इसके बाद इनकी टीम ने ठाना की अपने शहर के लोगों को वैक्सीन लगवाना है।
लोगों को जागरूक करना था बड़ा सवाल
टीम के संस्थापक शिवेंद्र का कहना है कि जब वो लोगों से बात कर रहे थे तो लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर तमाम तरीके के सवाल बने हुए थे। इस दौरान शिवेंद्र ने अपने फेसबुक लाइव के जरिए तमाम डॉक्टरों को अपने साथ जोड़कर इस समस्याओं का समाधान करवाया साथ ही वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक करते रहे।
वैक्सीन को लेकर लोगों में था डर
टीम के दूसरे संस्थापक विट्ठल ने बताया कि वैक्सीन के प्रति लोगो को जागरूक करना बड़ा सवाल था। इसके लिए सबसे पहले हमारी टीम ने गंगाघाट नगर पालिका के अध्यक्षा के साथ मिलकर सभासदों की एक बैठक की औऱ पहले उन लोगों को वैक्सीन लगवाने के साथ ही अपने वार्ड के लोगों को जागरूक करने की बात की।
केवल 10 दिन में 5000 से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
इस टीम ने पहले ही दिन से 5 वार्डों में कैंप लगाया। कैंप के माध्यम से पहले लोगों को जागरूक किया गया साथ ही जो लोग इंटरनेट या मोबाइल चलाने में सक्षम नहीं थे उनका रजिस्ट्रेशन के साथ ही वैक्सीनेशन करवाया । इस टीम ने 10 दिनों के कैंप से लगभग 5 हजार से अधिक जब कि फोन कॉल के जरिए 2732 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके साथ ही 1000 लोगों को वैक्सीन भी लगवाई। इस कैंप में देवी प्रसाद मौर्य, अभिषेक वन्देमातरम, आकाश गुप्ता, विनय, श्रेयांश, आकाश, विशाल, केशव, अनुराग, दीपांकर, रोहन सदस्यों ने जीतोड़ मेहनत करके इस काम को सफल कर दिखाया।
महामारी के पीक के समय भी टीम ने किया जमकर काम
महामारी के वक्त जब लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। उस समय इस टीम के लोगों ने 18 से 20 घंटे काम करके लोगों की जरूरतों जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर, रिफिलिंग, बेड, आईसीयू, ऑक्सीमीटर की उपलब्धता को निश्चित करवाया। इसके साथ ही दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए ऑनलाइन माध्यम से लोगों को दवा उनके घर तक पहुंचाने का काम किया। इस टीम में मृणालिनी शर्मा, रितिक त्रिवेदी, विकास, रितेश, आदित्य, अनुराग शर्मा आदि लोग रहे।