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196 करोड़ रूपये की नकदी बरामद हुई है.साथ ही वहां से 23 किलो सोना और बहुत सारा बेहिसाब कच्चा माल मिला. इस का इस्तेमाल पान मसाले और गुटखे के सुगंधित कंपाउड बनाने के लिए होना था, इसमें 600 किलो चंदन का तेल भी शामिल था जिसे तहखाने में छिपाकर रखा गया था, इसकी मार्केट वैल्यू लगभग 6 करोड़ है.
इसके अलावा 500 चाबियां, 109 ताले और 18 लाॅकर मिले हैं, कुल मिलाकर अंदाजा लगाया जाए तो पीयूष की ये सारी दौलत करीब 1000 करोड़ की है.

अब बात करेगे हम पीयूष जैन की शिक्षा और रहन-सहन
इत्र करोबारी पीयूष जैन बेहद साधारण जीवन जीता था. उसके पड़ोसियों का कहना है कि वह बहुत ही साधारण तरीके से रहते थे. अभी भी वो स्कूटर चलाते हैं. साधारण कपड़ों के साथ हवाई चप्पल पहनकर फंक्शन में जाना उनके लिए आम बात है, ना किसी से दोस्ती थी न किसी दुश्मनी.
कानपुर यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में पीयूष ने किया था एमएससी,
पीयूष जैन के दादा और पिता महेश चंद्र जैन पहले कपडे़ पर छपाई का काम करते थे, पीयूष ने काम की शुरूआत मुंबई की
एक कंपनी में सेल्समैन के तौर पर की थी, लेकिन केमिस्ट्री के अच्छे जानकार होने के नाते उन्होंने साबुन और डिटर्जेंट आदि कंपाउंड बनाने का काम शुरु कर दिया था, बाद में वो गुटखा और पान मसाले के कारोबार में आ गए.
पड़ोसियों के
मुताबिक
पीयूष जैन और अंबरीश जैन दो भाई हैं. पीयूष जैन तीन बच्चे है बच्चे हैं. जिनमें एक लड़की है, जिसकी शादी हो चुकी है और वो पायलट रही है. दो बेटे हैं,