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सिकंदराराऊ : स्थानीय रेलवे मार्ग पर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में गुरु नानक देव जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के पूर्व दिवस पर विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छवि के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से किया गया। श्रीमती सुमन मल्होत्रा मुख्य वक्ता के रूप में रहीं। उन्होंने कहा के सिक्खों के प्रथम गुरु नानक देव हैं । उन्होंने गुरु परंपरा प्रारंभ की समाज में फैले हुए अंधविश्वास तथा रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त किया उन्होंने हमेशा मानव समाज की सेवा ही ईश्वर की सेवा मानी। वह बचपन से ही संवेदनशील थे, उनके पिता ने एक बार खेत में चिड़िया को उड़ाने के लिए भेजा। लेकिन उन्होंने कहा कि राम की चिड़िया राम का ही खेत, चिड़िया खाओ भर भर पेट। एक बार सौदा करने बाहर गये तो उन्होंने व्यापार नहीं किया और भूखे दीन हीन लोगों के बीच सारा पैसा खर्च कर वापस आ गए। उस समय समाज को कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। ऐसे अंधकार पूर्ण वातावरण में उन्होंने समाज को नया मार्ग दिखाया और उन्होंने कहा किसी रेखा को छोटा करना है तो उसके समानांतर एक बड़ी रेखा खींच दी जाए तो वह स्वयं में छोटी हो जाती है। इसी प्रकार हमें अपने जीवन में अच्छे व श्रेष्ठ कार्य करेंगे तो श्रेष्ठ स्वयं ही बन जाते हैं । किसी की आलोचना करने से श्रेष्ठ नहीं बनते ,व्यक्ति कर्म से श्रेष्ठ बन जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित श्रीमान प्रधानाचार्य सुभाष कुमार ने सभी बच्चों को शुभकामनाएं एवं शुभाशीष दिया और अपने जीवन में अच्छे व श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर अजब सिंह , कृष्णा चंद्र शर्मा , शैलेंद्र सिंह जादौन ,अजय कुमार , सतीश चंद्र, अशोक कुमार आर्य , रक्षपाल सिंह , मुकेश कुमार वर्मा , मुकेश कुमार यादव , अजीत कुमार सिंह, श्रीमती सुधा सिंह, श्रीमती नेहा सिंह, श्रीमती ममता ,सुश्री जागृति गर्ग एवं समस्त आचार्य बंधु तथा भैया बहन उपस्थित रहे।

vinay

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