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हम पूछनी उनका से……..चाहत रहु हमरा के की खाली यूं ही कइले रहू यारी

ऊ कहली ना हम त खाली तहरा साथे करत रही बाते प्यारी प्यारी

ऊ मुस्कुरा के कहली ताहरा से निक बारे स हमर यार।

हम तोहरा से दोस्ती कइनी तु ओकरा के समझ लिहलह प्यार ,
इमें हमर का गलती रहे हमार यार।

मननी कि हम ताहर दिल दुखइनी, पर तोरे ख़ातिर हमहु कई दिन तक खाना ना खईनी।

आज जब होइनी जा अलग त तोहर याद बहुत आवेला, पर तु त बड़ी ख़ुश काहे की तोहरा त हर रोज नया चीज़ भावेला।

हमरा पता बा एक दिन तू बहुत पछतईबु, वापस सोंचबु आवे के पर का मुँह लेके अईबु।

जेकरा साथे तू आज खुद के महफ़ूज समझेलू, तोहरा नईखे पता उ दोसरा से भी कुछ इहे तरह बात करेला।

तोहरा लागल ताहरा बिना हम तड़प-तड़प के मर जाईम, अभी त ई शुरुआत ह आगे देख. का का गुल खिलाईम।

एक दिन जब मिलबु कहियो कोई मोड़ पर हमसे, त पूछिह आपन दिल से का रहे गलती हमार , का तू ना कइले रहू छल हमसे !!

Alok Kr. Bharti
Ara, Bhojpur Bihar

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