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तन,मन को पवित्र करने का सुअवसर हैं नवरात्रि पर्व : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज 
अलीगढ। माँ भगवती दुर्गा के पूजन अर्चन के महापर्व नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की आराधना की गई।वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में चल रहे नवदिवसीय शतचंडी अनुष्ठान के तहत प्रथम दिन भगवती दुर्गा का कलश स्थापन विधिवत मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्वलन कर मनाया गया।
रविवार को स्वर्ण जयंती नगर सीजंस अपार्टमेंट स्थित वैदिक ज्योतिष संस्थान कार्यालय पर मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री का का पूजन अर्चन संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री,दुष्यंत शास्त्री,शिवम शास्त्री,माधव पंडित ऋषभ वेदपाठी आदि आचार्यों ने मुख्य यजमान शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति एलन एंड एलवन के धनजीत बाड्रा,द्वारा सर्वप्रथम देवी की प्रतिमा का दूध,दही,घी,शहद,बुरा,पंचामृत आदि से स्नान करवाकर इत्र एवं सुन्दर वस्त्र पहनाये उसके बाद गुलाब के पुष्प एवं रोली से अर्चन करवाया। मां भगवती दुर्गा के समक्ष 9 दिनों तक अनवरत जलने वाले गाय के घी का अखंड दीपक साथ में 108 अन्य छोटे-छोटे मिट्टी के दीपकों से महाआरती की गयी। इस अवसर पर वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने देवी के प्रथम स्वरुप का वर्णन करते हुए कहा कि मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में शैलपुत्री के नाम से पूजी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्रि माता भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। यह तन मन को निरोग रखने का सुअवसर भी है। भगवान महादेव के कहने पर रक्तबीज शुंभ-निशुंभ,मधु-कैटभ आदि दानवों का संहार करने के लिए माँ पार्वती ने असंख्य रूप धारण किए किंतु देवी के प्रमुख नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशेष रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं। सांयकालीन बेला में सभी भक्तों ने घी के दिए जलाकर माँ भगवती की आरती कर पुण्य प्राप्त किया। इस अवसर पर कपिल शर्मा, रजनीश वार्ष्णेय, पवन तिवारी, ब्रजेन्द्र वशिष्ठ, कविता अग्रवाल, निकिता तिवारी, नेहा गुप्ता, तेजवीर सिंह जादौन, शिब्बू अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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