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हाथरस : हाथरस में ADHR व गुरूद्वारा श्री नानक दरबार के संयुक्त तत्वावधान में शहीदी दिवस के अवसर पर शहीदों को किया गया नमन , मुख्यवक्ता विभाग प्रचार गोविंद जी भाईसाहब ने कहा कि त्याग की परंपरा,बलिदान की परंपरा,गुरुओं की परंपरा,राष्ट्र रक्षा की के लिए जीवन को खपा देना सिख गुरुओं ने इन परंपराओं को आत्मसात किया है त्याग, बलिदान, तपस्या को बोलना काफी मुश्किल है और करना बहुत मुश्किल है लेकिन गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों के वलिदान को हम भुला नहीं सकते जानबूझकर हमारे गौरवमयी इतिहास को मिटाने का कुछ चक्र रचा गया अब इन गुरुओं के बलिदान को पाठ्यक्रम में शामिल कराकर नई पीढ़ी को सिखाया जाना चाहिए

ज्ञानी युगेंद्र सिंह युपी सिख मिशन प्रचारक ने कहा कि कहां मिलेगी धर्म रक्षा के लिए अपना पूरा वंश न्यौछावर कर देने की ऐसी दूसरी मिशाल यकीनन कहीं नहीं कभी नहीं पहले पिता द्वारा फिर वार दिए बेटे अपने इसी मिशाल,त्याग के कारण गुरु गोविंद सिंह इतिहास के लासानी पुरुष बने हैं ।
प्रो.डा.चंद्रकांता माथुर ने कहा गुरु गोविंद सिंह ने चौदह बड़े युद्ध लड़े लेकिन दौलत और जमीन के लिए नहीं, बल्कि दुष्टों के दमन एवं धर्म की रक्षा के लिए लडें हमारी सभ्यता,संस्कृति को खंड-खंड करने का पूर्ण प्रयास किया गया लेकिन वह कभी खंडित नहीं हो पाई
रामप्रसाद अग्रवाल सहप्रांत संयोजक सामाजिक समरसता ब्रजप्रांत ने कहा कि मां गुजरी का पोतों के प्रति वात्सल्य भाव को कवियों ने इस प्रकार बयान किया है जाने से पहले आओ गले लगा तो लूं,केशों को कंघी करूं जरा मुंह धुला तो लूं, प्यारे सरों पर नन्ही सी कलंगी सजा तो लूं, मरने से पहले तुमको दूल्हा बना तो लूं
सरदार रामबहादुर सिंह एडवोकेट ने भी शहीदों को नमन किया ।
संचालन करते हुए राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय ने कि समय आगया है अपने गौरवमयी इतिहास को विश्व पटल पर रखने का और विश्व को बताने का समय है
अंत में सभी आगंतुकों ने शहीदों को नमन किया
कार्यक्रम में सरदार हरनाम सिंह बल्ले भाई, राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेन्द्र गोयल,जिलाध्यक्ष डा.पी.पी.सि,जिला महासचिव नवीन गुप्ता, जिला कोषाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, राकेश किशोर गौड, राजेश वार्ष्णेय, सौरव अग्रवाल, बाल प्रकाश वार्ष्णेय, राम प्रकाश गुप्ता, दीप्ति गुप्ता, उमा गौड, मनोज वार्ष्णेय, टेकचंद कुशवाहा, बीपी महाशय, सौरव गुप्ता, उद्धव कृष्ण शर्मा, संदीप गुप्ता, सरदार चम्मेल सिंह, सरदार रणजीत सिंह, सरदार सतनाम सिंह, सरदार संतजीत सिंह, सरदार रणजीत सिंह, सरदार पन्ना सिंह, अनूप अग्रवाल आदि सैकड़ो व्यक्ति मौजूद रहे । https://youtu.be/uc5Zir4BimY?si=9SLSSiSWp7VERJmc