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सिकंदराराऊ : हिंदी प्रोत्साहन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल के जन्मदिन को उनके प्रशंसकों ने हिंदी प्रोत्साहन दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने की वहीं प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर पूर्व सांसद का चांदी का मुकुट पहनकर शाल माला स्मृति चिन्ह आदि से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डॉ भगवान सिंह रहे और विशिष्ट अतिथि जयपाल सिंह चौहान रहे । इस अवसर पर समाजसेवियों भद्रपाल सिंह चौहान एवं केदार बाबू वार्ष्णेय का सम्मान किया गया। इस अवसर पर एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन आर्य कन्या इंटर कॉलेज के हाल में संपन्न हुआ।
आयोजन समिति के कुमुदकांत गर्ग , विवेक शील राघव , अरुण दीक्षित एड, प्रमोद विषधर, हिमांशु दीक्षित एड, कुमार शिव संभव एवं शिवेन्दु दीक्षित ने अतिथियों व कवियों का सम्मान किया।
अतिथियों व कवियों ने मां सरस्वती के छवि चित्र पर माल्यार्पण किया और लखनऊ से पधारी कवयित्री हेम पांडे ने सरस्वती वंदना की तत्पश्चात वात्सल्य ग्राम वृंदावन से पधारे डॉ उमाशंकर रही ने पढ़ा- समय आ गया जातिवाद के सारे भेद मिटाने का, समय आ गया गद्दारों को खुलकर सबक सिखाने का।
वहीं मेरठ से पधारे गीतकार डॉ सुदेश यादव जख्मी ने पढ़ा- भरोसा आपके वादों पर हो तो जाएगा लेकिन हजारों गोपियों में एक ही राधा निकलती है।
पीलीभीत के कवि उमेश अद्भुत ने पढ़ा -देश हित में दान कर दी खून चर्बी हड्डियां, इसलिए मैं सूख कर कांटा हुआ हूं दोस्तों।
प्रसिद्ध कवि प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर फिरोजाबाद ने पढ़ा- उठो साथियों निज धरम बिक न जाए, बहनों जागो निज शरम बिक न जाए।
यही है निवेदन मेरा कविगणों से कि सब कुछ बिके पर कलम बिक न जाए।
अंतर्राष्ट्रीय गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने नया गीत सुनाया- अब भी जब पुरवाई चलती
दर्द कर सकता थोड़ा-थोड़ा
बेहतर हो वो रिश्ते टूटें जिन रिश्तों ने हमको तोड़ा।
आगरा के युवा कवि प्रांजल प्रताप ने पढ़ा -प्यार का पुष्प खिल जाए तो क्या करें। हम न बोले मगर कोई आवाज दे और हंस कर निकल जाए तो क्या करें।
एटा के कवि डॉ पी एस चौधरी आलम ने पढ़ा- चलो इस बार भी सट्टा लगा कर देखेंगे।
गजल के नाम पर तुक्का लगाकर देखेंगे ।
कवयित्री हेम पांडे ने पढ़ा- किसी को नाम के सपने किसी को कम के सपने ,
मगर मीरा को आते हैं सदा घनश्याम के सपने ।
बरेली से पधारे हास्य के कवि रोहित राकेश ने हास्य रचना सुनाकर खूब गुदगुदाया।
कासगंज के कवि आतिश सोलंकी ने पढ़ा- हो दुनिया की बादशाहत सोने का घर हमारा।
पापा बगैर हमको कुछ भी नहीं गवारा।
उपस्थित सभी लोगों ने कवि शूल को शुभकामनाएं दीं और सम्मान किया। शूल ने सभी आए हुए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्राचार्य डॉ भगवान सिंह व स्थानीय कवि विवेकशील राघव, प्रमोद विषधर, शिवम आजाद एवं कुमार शिव संभव ने काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता युवराज सिंह, गौरी शंकर गुप्ता नोटरी, भाजपा नगर अध्यक्ष मुकुल गुप्ता, निर्मल दास, नवोदय के प्रवक्ता डॉ गजराज सिंह , पूर्व सभासद पंडित चेतन शर्मा, महेंद्र पाल सिंह पूर्व प्रधान अरनोंट, हरपाल सिंह यादव, डॉ प्रदीप गर्ग , महेश यादव संघर्षी, सेवानिवृत्त एडीओ राजपाल सिंह, विष्णु स्वरुप शर्मा अगराना, सत्य प्रकाश शर्मा भैंकुरी, जीवन आयुर्वेद के निदेशक विपिन चौहान, आकाश दीक्षित, रिंकू शर्मा, कवि अवनीश यादव, बृजेश पाठक नोटरी, राजीव शर्मा राजू , श्याम वार्ष्णेय, वीरेंद्र सिंह चौहान वन विभाग, शशिकांत शर्मा, देवा बघेल, मुनेश भारद्वाज, अरविंद भारद्वाज एड, सुनील आचार्य आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय है।

INPUT – VINAY CHATURVEDI