Visitors have accessed this post 513 times.

सिकन्दराराऊ : आश्रम परंपरा ने भारतीय संस्कृति का संरक्षण किया। आश्रम परंपरा ने देश को अनेकों महापुरुष प्रदान किए। भगवान राम तथा भगवान कृष्ण के युग तक आश्रम ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान और दर्शन के केंद्र हुआ करते थे। उक्त बातें ग्राम बरतर खास के जंगलों में वाशिष्टय धाम आश्रम की आधारशिला रखने के दौरान कर्मयोग सेवा संघ के अध्यक्ष विवेकशील राघव ने कहीं।
राघव ने कहा कि आज भी आवश्यक है कि कंक्रीट के जंगलों के कोलाहल से दूर वन्य क्षेत्रों का विकास कर आश्रम पद्धति आधारित गौशाला, विद्या केंद्र स्थापित व संचालित किये जायें।
वाशिष्टय धाम के संस्थापक नरेंद्र सिंह पुंढीर ने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण के साथ ही उनके पानी आदि की व्यवस्था कर दी गई है। क्षेत्र में नीलगाय, हिरन और सांभर जैसे दुर्लभ जीव हैं जिनका संरक्षण सरकार के स्तर से भी किया जाना चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से वीरेंद्र सिंह पुंढीर, रणविजय सिंह, कुलवीर सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

इनपुट :- व्यूरो रिपोर्ट

यह भी देखे : हाथरस के NINE to 9 बाजार में क्या है खास 

अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA एप

http://is.gd/ApbsnE

sasni new wave