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कोंच जालौन ब्राह्मण महासभा परिसर में आयोजित कथा सप्ताह के दूसरे दिन भगवताचार्य पं लल्लूराम मिश्रा शास्त्री ने कथा का बताया सार भगवताचार्य ने 7 जनवरी से शुरू हुई श्री मद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा का श्रोताओं को सार बताया अपनी अमृतमय वाणी से कथा का वाचन शुरू करते हुये कहा कि भागवत अवरोध मिटाने वाली  उत्तम अवसाद है भागवत का आश्रय करने वाला  कोई भी दुखी नही होता भगवान शिव ने सुखदेव बनकर सारे संसार को भागवत सुनाई है भगवताचार्य पं लल्लूराम मिश्रा शास्त्री ने श्रोताओं को कर्मो का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पड़ता है
श्री मद भागवत के कथा के दूसरे दिन भगवताचार्य ने  राजा परिक्षित के चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने राज्य को पाकर भी अपने परिवार और दुबारा राज्य त्याग कर वन की ओर निकल गये अर्थात सभी मनुष्यों को अपने जीवन मे नैतिक मूल्यों को समझकर उचित निर्णय लेना चाहिए इसी में प्रभु के रहस्य छुपे होते है
श्री मद भागवत कल्पवृक्ष की तरह है यह हमे सत्य से परिचय कराता है उन्होंने कहा कि कलयुग मे तो श्री मद भागवत कथा की अत्यंत आवश्यकता है क्यो की मृत्यु जैसे सत्य से हमे यही अवगत कराता है राजा परीक्षित के सर्पदंश और कलयुग के आगमन की कथा सुनाई  भगवताचार्य जी बताते है कि मृत्यु ही इस संसार का एक मात्र सत्य है श्री मद भागवत की कथा हमे इसी सत्य से अवगत कराती है इस दौरान ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष देवीदयाल रावत संजय रावत विजय रावत आनन्द द्विवेदी रूपेश तिवारी अमरेंद्र दुबे प्रह्लाद कौशल सुधाकर चतुर्वेदी आदि लोग मौजूद रहे
INPUT – विवेक द्विवेदी