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पुरदिलनगर : फूल डोल मेला में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया । संचालन कवि शिवम आजाद ने किया । सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन मेला कमेटी एवं आगुन्तक बन्धुओं द्वारा किया गया । ततपश्चात कविता की रसधार बही
९पदम् अलबेला जी सुनाया-
बात मेरी सब मानियो, मैं समझाऊ तोय ।
उससे झगड़ा मत करो, जो तुझसे तगड़ा होय ।।
कमलकांत तिवारी जी ने सुनाया-
होगा तेरा चाँद सा मुखड़ा ।
मुझको प्यार नहीं करना ।।
राजेश आर्य ने सुनाया-
राम जी का मंदिर बन गया अवध में ।
अब तो हमारे ब्रजधाम की ही बारी है ।
मणि मूसल ने पढ़ा-
दुष्ट पड़ोसी चीन ने देखो ऐसा काम किया कैसे ।
कोरोना का शूप बनाकर, गर्मागर्म पिया कैसे ।
रुबिया खान ने सुनाया-
नदी से गर किनारों का ये संगम काश हो जाता ।
तो मेरा और तुम्हारा भी अमिट इतिहास हो जाता ।
इनके अतिरिक्त डॉ. अजय अटल, दीपक दिव्यंशु, प्रमोद विषधर,अवशेष विमल,पंकज पण्डा एवं अन्य स्थानीय कवियों ने कविता पाठ किया ।
INPUT – PUSHPAKANT SHARMA