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सिकंदराराऊ : दी वार एसोसिएशन के बार रूम में बार बेंच की एक बैठक संपन्न हुई जिसमें अधिवक्ताओं द्वारा तहसीलदार न्यायालय द्वारा तहसीलदार न्यायालय एवं रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में हो रही अनियमिताओं के संबंध में तहसीलदार को अवगत कराया गया। तहसीलदार सिकंदराराऊ द्वारा सभी शिकायतों को डायरी में दर्ज करते हुए बिन्दुवार सभी शिकायतों का यथाशीघ्र निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया। तहसीलदार के आश्वासन पर अध्यक्ष महेश चंद्र अंजाना द्वारा तहसीलदार न्यायालय के बहिष्कार को समाप्त करने की घोषणा की गई।
बैठक में नरेश प्रताप एडवोकेट ने कहा कि निर्णय हेतु लंबित पड़ी हुई पत्रावलियों में निर्णय शीघ्र आने चाहिए। यह विधि व्यवस्था है। परंतु निर्णय हेतु पत्रावली लंबित चल रही हैं।
युवराज सिंह चौहान ने कहा कि लेखपाल एवं आरके संशोधन की पत्रावलियों पर अपनी रिपोर्ट नहीं लगाते हैं । खतौनी में त्रुटि का कारण कंप्यूटर ऑपरेटर और लेखपाल की लापरवाही है। पीड़ितों द्वारा पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी संशोधन ना होना गरीब को न्याय से जानबूझकर वंचित रखना है।
रमेश चंद्र शर्मा एडवोकेट ने कहा कि तहसीलदार में अनुभव की कमी है। तहसीलदार एक के स्थान पर तीन न्यायालय का काम देख रहे हैं। परंतु पीड़ित को तो न्याय चाहिए। इसके लिए और काम करने की आवश्यकता है।
बैठक में अशोक कुमार शर्मा, देवकांत कौशिक, हुकुम सिंह बघेल, भरत सिंह कुशवाह, मनवीर बघेल, समाज प्रिय रत्न , रविंद्र यादव, राजेश यादव, बृजेश यादव, देवेंद्र दीक्षित शूल, प्रबल कुमार, सुमित कुमार, दीपेश पाठक, रोहित चौहान, योगेंद्र पुंढीर आदि मौजूद थे।
INPUT – VINAY CHATURVEDI