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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बाल विवाह मामले में दूल्हे, लड़के के पिता और पंडित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यहां दो नाबालिग लड़कियों का विवाह सोमवार को होने की सूचना के बाद भी पुलिस ने विवाह नहीं रुकवाया। उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचने के बाद पुलिसवालों को फटकार लगाई गई जिसके बाद केस दर्ज किया गया।बीते सोमवार को जिले के राजगढ़ी निवासी दो लड़कियों की शादी थी। शादी के लिए बारात पहुंची। किसी ने बाल कल्याण समिति को सूचना दी कि दोनों लड़कियां नाबालिग हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची बाल कल्याण समिति ने पूछताछ की तो पता चला कि वाकई लड़कियां नाबालिग थीं।
बाल कल्याण समिति ने नाबालिग लड़कियों की शादी का विरोध किया तो उनके ऊपर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। समिति ने पुलिस को बुलाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बाल विवाह रुकवा दिया। बाल कल्याण समिति ने पुलिस से मामले में कार्रवाई करने को कहा।
समिति के सदस्यों के जाते ही पुलिस भी बिना किसी कार्रवाई के निकल गई। पुलिस के जाते ही लड़कियों को शादी करवा दी गई। दूसरे दिन समिति को पुलिस की लापरवाही पता चली तो सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष ममता गुप्ता और सदस्य डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने जांच की तो पता चला कि लड़कियों की शादी कर दी गई है।
ममता गुप्ता ने बताया कि आधार कार्ड के अनुसार लड़की की उम्र 14 वर्ष की है जबकि स्कूल के रेकॉर्ड में उसकी उम्र 16 वर्ष दर्शायी गई है। दोनों के अनुसार लड़कियां नाबालिग हैं।
समिति के आदेश के बाद पुलिस ने लड़की के पिता, दूल्हा, पंडित और पंचों सहित 20 ग्रामीणों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम 2006 के अंतर्गत केस दर्ज किया है।