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सिकन्दराराऊ। राधानगर कार्यालय पर एटा के युवा गीतकार सर्जन शीतल के जन्मदिवस पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी हरपाल सिंह यादव एवं संचालन शिवम कुमार आज़ाद ने किया । मुख्य अतिथि के रूप में मशहूर हास्यकवि पदम् सिंह अलबेला उपस्थित रहे । आगन्तुक अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वल्लन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।इसके बाद देश के प्रख्यात गीतकार किशन सरोज जी के आकस्मिक निधन पर दो मिनिट का मौन धारण करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।

अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में हरपाल यादव ने कहा कि हमारी समिति साहित्य, कला एवं शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है तथा इस क्षेत्रकी प्रतिभाओं को निरन्तर सम्मानित कर रही है। शीतल जी ने साहित्य के क्षेत्र में गीतकार के रूप में बहुत कम उम्र में अपना नाम रोशन किया है। यह कवियों के लिए गर्व की बात है। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य कवियों को समिति के पदाधिकारियों द्वारा फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया।

प्रमोद विषधर की सरस्वती वंदना के बाद कवि अवनीश ने पढ़ा-
जन्मदिवस हो शीतल का मंगलमय
सदा बहाते रहो गीत की मधुरिम लय।

हाथरस के पदम् अलबेला ने इस तरह हास्य पढ़ा-
आप आये हैं कविता श्रवण कीजिये ।
सर्जन शीतल को पहले नमन कीजिये।।

शिवम कुमार ‘आज़ाद’ ने शेर पढा-
हर्ष भरा हो साल ये पूरा क्षण क्षण सारा सुखमय हो ।
आप सभी को यारो अपना नया वर्ष मङ्गलमय हो ।।

गीतकार सृजन शीतल ने गीत पढ़ा –
राष्ट्र की भक्ति का आंकलन छोड़िए।
हो सके इस चमन में अमन छोड़िए।।

अवशेष विमल ने सुनाया-
हम छिपे हुए सूरज की सर्दी सहने के भी आदी हैं ।
हम तपे हुए सूरज की गर्मी सहने के भी आदी हैं ।।

पंकज पण्डा ने पढ़ा-
शीतल जी के सभी के दिल पर छायें ।
हम सब कविता पढ़कर जन्मदिन मनायें ।।

प्रमोद विषधर ने नेता पर व्यंग्य पढ़ा-
तेरा ये कटोरा कभी नहीं भरता आज भी खड़ा है ।
भिखारी बोला इसमें नेता जी का खोपड़ा लगा है ।।

इस मौके पर ललित मोहन भारद्वाज, दिनेश वार्ष्णेय, अनीता माथुर, अर्चना यादव, सुरेश सैनी, रवि यादव, चंदू बघेल, पंकज बघेल, सुधीर कश्यप, मनोज सविता, अजय मोहन, कपिल वार्ष्णेय, हेमंत शर्मा आदि उपस्थित रहे।

INPUT – अरविंद यादव