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काली कमली वाला मेरा यार है, मेरे मन का मोहन तू दिलदार है’ जैसे कई कृष्ण भजनों के लिए मशहूर 25 साल की जया किशोरी के लाखों प्रशंसक हैं।

श्रीमद् भागवत कथा और नानी बाई रो मायरा से पहचान बनाने वालीं जया किशोरी के प्रशंसकों में भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी लोग शामिल हैं। वे दूसरे देशों में कथा वाचन-भजन के लिए जानी -जाती रहती हैं। जया किशोरी के कई भजनों को तो करोड़ों बार यूटयूब पर देखा गया है। 13 जुलाई 1995 को कोलकाती में जन्मीं जया किशोरी ने एक अखबार के इंटरव्यू में बताया था । कि वो सत्संग-भजन से इकट्ठे पैसों को नारायण सेवा संस्थान ट्रस्ट को दान करती हैं।

नारायण सेवा संस्थान एक सामाजिक संस्था है, जो दिव्यांग लोगों की सहायता करता है। जया का कहना है कि उन्हें असहाय लोगों का सहारा बनने में खुशी मिलती है। वो हर समय उनके पास नहीं रह सकती है, लेकिन अगर कुछ दान करके वो उनकी मदद कर पाएं तो उन्हें खुशी महसूस होती है। जया किशोरी ने 9 साल की उम्र में याद कर लिया था शिव तांडव स्तोत्र: जया किशोरी के पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और माता का नाम सोनिया शर्मा है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जया जब नौ साल की थीं तभी रामाष्टकम्, लिंगाष्टकम और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कर लिया करती थीं। अध्यात्म में आगे बढ़ने के लिए उन्होंने पण्डित गोविंदराम मिश्र से आध्यात्मिक दीक्षा ली। इनके आध्यात्मिक गुरु ने भगवान श्री कृष्ण के प्रति इनका प्रेम और समर्पण भाव देखकर इनका नाम जया किशोरी रख दिया हैं। ज्यादातर लोग जया किशोरी जी के भक्ति गीत सुनते हैं । जया किशोरी ने बहुत ही कम उम्र में ही अपने नाम का परचम देश और विदोशो तक फहरा दिया था । भक्ति और अध्यात्मिक से जुड़ी ख़बरों को आप tv30इंडिया पर पड़ सकते हैं ।

INPUT – Brijmohan Thinua