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निगम अधिकारी और बैंक अधिकारियों ने मिलकर के सफाई कर्मचारियों के नाम से निकाले लाखों के लोन।

आगरा नगर निगम के अंदर कर्मचारियों के नाम से लाखों रुपए के लोन लेकर के वारे न्यारे करने वाले लोगों का एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसमें आगरा नगर निगम के अधिकारी और आगरा की एत्मादपुर जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से एक दर्जन से ज्यादा नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के नाम से लाखों रुपए के लोन लेने का मामला प्रकाश में आया है।

आपको बता दें कि आगरा नगर निगम के अंदर कर्मचारियों के लोन दिलाने का एक बड़ा कॉकस कार्य करता है जिनका नगर निगम अधिकारियों और बैंकों से बड़ा तालमेल है यह पोकस कर्मचारियों से लोन दिलाने के नाम पर 30 से 40 परसेंट तय कर लेता है और सब का हिस्सा बराबर बराबर निगम और बैंक अधिकारियों को पहुंचता है इसी हिस्से के आधार पर बैंक और निगम अधिकारी इन दलालों के कागजों पर आंख बंद करके हस्ताक्षर करते चले जाते हैं इतना ही नहीं इन दलालों के द्वारा निगम अधिकारियों की फर्जी मोहरे भी बना ली है जो निगम कर्मचारियों के लोन के प्रपत्र पर लगा कर के खुद ही हस्ताक्षर कर लेते हैं।

ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी निगम के बड़े अधिकारी और बैंक के लोगों को नहीं है लेकिन हिस्सेदारी के दबाव के चलते यादगारी इस प्रकार के कृत्यों से आंख मूंदे बंद बैठे रहते हैं।

ताजा मामला आगरा की एत्मादपुर जिला सहकारी बैंक से जुड़ा हुआ है जिसमें मनोहर पुत्र बाबूलाल निवासी बुंदू कटरा आगरा ने एक प्रार्थना पत्र एसएसपी आगरा को दे करके बताया है कि प्रार्थी नगर निगम आगरा में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्य था उसका रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2019 को हुआ था जब प्रार्थी का रिटायरमेंट के पश्चात उसका फंड बीमा ग्रेच्युटी आदि का भुगतान करने के संबंध में जब अपने रिटायरमेंट का सभी रुपया पाना चाहा तो उसे मालूम पड़ा कि प्रार्थी के नाम से किसी फर्जी व्यक्ति ने अपना फोटो लगाकर धोखाधड़ी करके ₹140000 का लोन जिला सहकारी बैंक एत्मादपुर से ले लिया है जबकि प्रार्थी ने आज तक लोन के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया है और अपना कोई फोटो आधार कार्ड नहीं दिया है एक सोची-समझी रणनीति के तहत बैंक और निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से जिला सहकारी बैंक एत्मादपुर चाहिए रुपैया निकाला गया है किसी फर्जी व्यक्ति ने प्रार्थी के नाम का प्रयोग करके तथा फोटो किसी अन्य व्यक्ति का लगा कर धोखाधड़ी के तहत निकाला है रिटायरमेंट के पश्चात प्रार्थी को इस बात का संज्ञान इसके कार्यालय के नोटिस तथा जिला सहकारी बैंक से प्राप्त 11311 2020 को एक नोटिस प्राप्त हुआ है जो मालूम पड़ा है कि प्रार्थी अपना नाम मनोहर लिखता है जबकि रण में मनोहर लाल है प्रार्थी ने सदर आवेदन पत्र पर ना तो कोई अपना आधार कार्ड दिया है और ना ही अपना फोटो चस्पा कर दिया है ना ही उसके हस्ताक्षर है किसी अन्य व्यक्ति ने प्रार्थी के नाम से यह प्राप्त कर लिया है और कार्यवाही की मांग की है।
पीड़ित कर्मचारी मनोहर लाल के द्वारा आगरा नगर निगम के नगर आयुक्त को भी एक प्रार्थना पत्र दिया है इसके साथ ही बैंक के शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक के सचिव नगर निगम के लेखाधिकारी नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए सीजीएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दिया है।
ऐसा नहीं है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी निगम और बैंक के अधिकारियों को नहीं है लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी जब कर्मचारी की समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो कर्मचारी ने मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है अब देखने वाली बात यह होगी की नगर निगम नेक काम कर रही इसको कस के खिलाफ निगम अधिकारी और जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है |

INPUT – Kapil gautam