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सासनी : सासनी-नानऊ मार्ग स्थित नगला ताल के निकट एक ईरिक्शा पलटने से उसमें बैठी सवारियां घायल हो गई। ई-रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गया। चालक बाल-बाल बच गया। लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए सीएचसी भिजवाया।
मंगलवार को सासनी से एक ई-रिक्शा सवारियों को लेकर नानऊ रोड की ओर जा रहा था। ई-रिक्शा में करीब आधा दर्जन से अधिक सवारियां भरी हुई थी। बताते हैं कि जैसे ही ई-रिक्शा गांव नगला ताल के निकट पहंुचा तो वहां जर्जर सडक पर हो रहे जलभराव के कारण ई-रिक्शा चालक को सडक में गड्ढा दिखाई नहीं दिया। जिससे ई-रिक्शा असंतुलित होकर पलट गया। जिसमें बैठी सवारियां गंदे पानी में गिरकर घायल हो गईं और ई-रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गया। चालक बाल-बाल बच गया। ई-रिक्शा पलटने पर बैठी सवारियों में चीख पुकार मच गई। चीख पुकार सुनकर निकट खेतों में काम कर रहे किसान व ग्रामीण मौके पर पहुंच गये। जिन्होने बडी मशक्कत के बाद ई-रिक्शा मंे फंसे लोगों को बाहर निकाला और उपचार के लिए ऐंबुलेंस के जरिए सीएचसी भिजवाया।
दशकों से नहीं हुआ जलभराव खत्म
बता दें कि गांव नगला ताल और गीतांजली इंटर कालेज के निकट सडक पर गांव का पानी भर जाता है, जिसकी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। इस जलभराव के कारण सड़क खराब हो जाती है, सडक में गड्ढे होने के कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं, मगर अभी तक किसी भी संबधित अफसर के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। ग्रामीणों के लाख प्रयास के बाद भी अफसरान कंुभकरण की नींद से नहीं जागे है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सडक का तो अब भगवान ही मालिक है।
गंदा पानी बना राहगीरों के लिए नासूर
ग्रामीणों द्वारा घरों से सडक पर छोडे पानी को लेकर राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पडता है, कई बार तो बाइक सवार इस पानी में गिरकर चुटैल हो चुके है। मगर ग्राम प्रधान से लेकर संबधित अफसर गांधी के तीन बंदरों की तहर बैठे है।

input : avid hussain

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