Visitors have accessed this post 384 times.

गंगा सफाई की मांग को लेकर 111 दिन अनशन करने के बाद प्राण त्याग देने वाले संत 2011 में संन्यास लेने के पहले स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद का नाम डॉ जी डी अग्रवाल था। वे आई आई टी, कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग और पर्यावरण विभाग में प्राध्यापक, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में प्रथम सचिव और राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के सलाहकार रह चुके हैं।

उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर गंगा की सफाई की उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वह 10 अक्टूबर से जल का भी त्याग कर देंगे।

गंगा की सफाई के लिए विशेष काननू पास कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का गुरुवार को ऋषिकेश के एम्स में निधन हो गया। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कमजोरी और हार्ट अटैक की वजह से स्वामी सानंद का निधन हुआ है।

बीते 111 दिनों से अनशन पर बैठे स्वामी सांनद को प्रशासन ने बुधवार को ऋषिकेश के एम्स में जबरन भर्ती कराया था। अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार 111 दिनों से अनशन पर बैठे स्वामी सांन द ने मंगलवार को जल का भी त्याग कर दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया था।

*मोदी को लेटर लिख सुनाई खरीखोटी*

इस खत में स्वामी सानंद ने पीएम मोदी को लिखा था कि ‘2014 के लोकसभा चुनाव तक तो तुम भी स्वयं मां गंगाजी के समझदार, लाडले और मां के प्रति समर्पित बेटा होने की बात करते थे,

लेकिन यह चुनाव मां के आर्शीवाद और प्रभु राम की कृपा से जीतकर अब तो तुम मां के कुछ लालची, विलासिता-प्रिय बेटे-बेटियों के समूह में फंस गए हो। उन नालायकों की विलासिता के साधन (जैसे अधिक बिजली) जुटाने के लिए, जिसे तुम लोग विकास कहते हो, कभी जलमार्ग के नाम से बूढ़ी मां को बोझा ढोने वाला खच्चर बना डालना चाहते हो।’

प्रफेसर जीडी अग्रवाल यानी स्वामी सानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 24 फरवरी 2018 को जो खुला खत लिखा था, उसको काशी में ही सार्वजनिक किया था।

इस खुले खत में अफसोस जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा था आपकी सरकार द्वारा गंगा मंत्रालय गठन के साथ जो उम्मीदें जगी थीं, वह चार साल में धराशायी हो गई हैं, इसलिए गंगा दशहरा यानी 22 जून 2018 से हरिद्वार में निर्णायक अनशन करने का फैसला किया है।

*स्वामी सानंद ने अपना शरीर एम्स को दान किया*

स्वामी सानंद ने अपने अनशन से पूर्व प्रधानमंत्री को कई पत्र लिखकर गंगा में खनन रोकने समेत तमाम मुद्दों को रखते हुए लिखे, लेकिन उनकी अनसुनी होते देख वे अनशन पर बैठ गए। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी उनके जीवन को सुरक्षित रखने और उनको अपनी मांग के संबंध में आंदोलन करने देने को लेकर निर्देश दिए थे। सुबह गंगा के लिए अनशन कर रहे प्रफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने यू एक पत्र लिखकर अपना शरीर एम्स को दान करने के लिए संकल्प पत्र लिखा।

नमन है इन जैसा माँ भारती के वीर सपूत को जो अपने माँग पर अंडे रहे बिना किसी भय के व लालच के और अपने प्राण त्याग दिए माँ गंगा की रक्षा के लिए देश के पर्यावरण को बचाने के लिए

INPUT – MANOJ BHATNAGAR