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सासनी : आज 22 नवंबर 2025 को गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर सासनी विद्यापीठ इंटर कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन प्रधानाचार्य डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल के निर्देशन में किया गया। प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों ने गुरु तेग बहादुर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक बातें साझा कीं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। उनका जीवन साहस, त्याग और न्याय का प्रतीक है। शिक्षक राजीव कुमार ने बताया कि गुरु तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ था। उनका मूल नाम त्याग मल था। उन्हें तलवारबाजी, घुड़सवारी और मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण मिला था। वे छठे गुरु हरगोबिंद के सबसे छोटे पुत्र थे और एक महान योद्धा, विद्वान और कवि थे। उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब के अत्याचारों का विरोध किया और हिंदुओं की रक्षा के लिए शहादत दी, इसलिए उन्हें “हिंद दी चादर” कहा जाता है। वे 20 मार्च 1664 को नौवें गुरु बने और 1675 में शहादत तक गुरु रहे। उनका त्याग बाद में खालसा पंथ की स्थापना की प्रेरणा बना। कार्यक्रम में संजय कुमार, राजीव कुमार, भारत सिंह, विनय कुमार, नीरज गुप्ता, अशोक कुमार, महेंद्र प्रकाश सैनी, मुकेश दिवाकर, हनी वशिष्ठ, सतीश कुमार, यश कुशवाहा और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
INPUT – DEV PRAKASH











