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सिकंदराराऊ : आचार्य शैलेश कृष्ण जी महाराज वृंदावन धाम के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व नगर में कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा का नगर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर लोगों ने स्वागत किया। यात्रा के दौरान मधुर भजनों की धुन पर लोग झूमते हुए नजर आए। कलश यात्रा मोहल्ला नोरंगाबाद पश्चिमी स्थित बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर में पूजा अर्चना के पश्चात प्रारंभ हुई जहां से कलश धारण करके महिलाएं कलश यात्रा में शामिल हुई। नगर में भ्रमण करते हुए ब्राह्मणपुरी में कथा स्थल पर कलश यात्रा का समापन हुआ। कलश यात्रा के समापन पर कथा आयोजकों के द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया। उसके बाद कथा प्रारंभ की गई। श्रीमद् भागवत कथा में पहले दिन कथा व्यास आचार्य शैलेश कृष्ण जी महाराज ने भगवान के महत्व, भक्त के लिए उनके प्रेम और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के बारे में बताते हुए कहा कि भागवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा भगवान का एक रूप है और इसे सुनने से मनुष्य को भगवान से जुड़ने का मौका मिलता है। मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। भागवत कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म और राजनीति का ज्ञान भरा है। भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार है। भगवान के बिना जीवन में दुख ही दुख है, लेकिन भगवान की कृपा से जीवन में आनंद और सुख प्राप्त होता है। इस अवसर पर आयोजक राजकुमारी शर्मा व सूर्यकांत शर्मा ने पूजा अर्चना की।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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