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हाथरस : जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से भगवान ऋषभदेव रथ यात्रा का आयोजन किया गया। यह रथ यात्रा शहर के विभिन्न बाजारों — नयागंज, मोती बाजार, सर्राफा बाजार, नजिहाई बाजार, घंटाघर, बेनीगंज, रामलीला मैदान, कोमल कॉम्प्लेक्स, सर्कुलर रोड और चक्की बाजार — से होती हुई पुनः नयागंज मंदिर पर संपन्न हुई।कार्यक्रम की शुरुआत नयागंज स्थित भगवान नेमिनाथ मंदिर से हुई, जहां पालने में भगवान को झुलाया गया और आरती के साथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। रथ पर विराजमान भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। यात्रा मार्ग में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं ने रथ का स्वागत किया।धर्मसभा में प्रतिष्ठाचार्य आचार्य अकलंक जैन, जैन नवयुवक सभा अध्यक्ष उमाशंकर जैन, महामंत्री अमित जैन, संरक्षक विजय जैन लोहिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव जैन भूरा, धन्य कुमार जैन सोगानी सहित अनेक गणमान्य जन मौजूद रहे। प्रतिष्ठाचार्य अकलंक जैन ने कहा कि भगवान ऋषभदेव का जन्म अयोध्या में हुआ था, लेकिन जैन समाज अयोध्या को धीरे-धीरे भूलता जा रहा है। उन्होंने बताया कि भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर ही हमारे देश का नाम “भारत” पड़ा।अयोध्या के भगवान ऋषभदेव मंदिर में प्रतिमा प्रतिष्ठा के लिए उमाशंकर जैन, अमित जैन, विजय जैन लोहिया, धन्य कुमार जैन सोगानी और संजीव जैन भूरा ने 25-25 हजार रुपये की बोली लगाई। वहीं रथ पर विराजमान होने की बोली सुधीर जैन, संदीप जैन (ज्वेलर्स), कमलेश जैन (लाल वाले), संजीव जैन (लुहाड़िया) और श्वेतांक जैन ने ली।रथ यात्रा में शहर के सैकड़ों श्रद्धालुओं और प्रमुख नागरिकों ने भाग लिया, जिनमें अनिल जैन गुड्डू, जितेंद्र जैन रेडीमेड, पंकज जैन, कपिल जैन चूर्ण, विवेक जैन मोबाइल, सौरभ जैन अजमेरा, राहुल जैन बैटरी, तन्नू जैन, अतुल जैन एडवोकेट, अर्पित जैन लोहिया, दीपक जैन, संतोष जैन, उषा जैन, मधु जैन, राजुल जैन, कल्पना जैन, शीलू जैन, लता जैन सहित अनेक श्रद्धालु शामिल रहे।प्रतिष्ठाचार्य अकलंक जैन ने बताया कि इस रथ का शुभारंभ जुलाई में लखनऊ से गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी द्वारा किया गया था। यह रथ अब तक देशभर के 2000 से अधिक स्थानों का भ्रमण कर चुका है और आज गुरुवार को हाथरस पहुंचा।

INPUT – BEAURO REPORT