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हाथरस : आज भगवान परशुराम जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर लाक डाउन के वातावरण में राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा मोबाइल काव्य गोष्ठी का आयोजन कर भगवान परशुराम की महिमा का गान किया गया। काव्य गोष्ठी में सर्वप्रथम काव्य संकलन कर्ता, आशु कवि अनिल बोहरे ने भगवान परशुराम का वंदन किया। प्रभु परशुराम परशु का प्रहार दिखा जाइए। संकट में है दुनिया, कोरोना मुक्त करा जाइए। बिशिष्ट अतिथि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा भगवान परशुराम धरा पर आ जाइए परेशान है घर-घर में सभी प्रसन्नता दिला जाइए। कवित्रा मीरा दीक्षित ने कहा, नहीं है राम, यह रावण सोचते होंगे। कष्टो की अति होने पर, भगवान परशुराम साथ होंगे। कवित्रा मनु दीक्षित ने पढ़ा भीष्म द्रोण कर्ण को रघु ने शास्त्रों का ज्ञान दिया है, परशु पाकर परशुराम ने अधर्मी का संहार किया है। कुमारी करीना चौध्री ने पढ़ा-वीरता के इतिहास में अग्रणी जो नाम है। वह दिग्विजय वीर भगवान परशुराम है। जयप्रकाश पचौरी ने पढ़ा जमदग्नि के पुत्रा परशुराम भगवान। विप्र शिरोमणि शिवभक्त शूरवीर बलवान। चांद हुसैन चांद ने पढ़ा परशुराम भगवान थे। छठे विष्णु अवतार। आपके जन्मदिवस पर चांद का नमन बारंबार। श्याम बाबू चिंतन ने पढ़ा। पीडि़तों को गले लगाया, अतिथियों को फरसे से उड़ाया। दुष्टों को संहार करने आए परशुराम, डा. उपेंद्र झा- परशु हस्त धरण करें, विप्रो के सरताज। सभी कवि मिलकर बधई दे रहे, मोबाइल पर आज प्रदीप पंडित ने पढ़ा, दुष्ट राजाओं का मिटा दिया खानदान, प्रभु परशुराम थे। ऐसे महान दीपक रफी ने पढ़ा, धन्य धन्य भगवान परशुराम आप से विप्रो की आन शान मान गोष्टी अध्यक्ष के रूप में हरीश शर्मा एडवोकेट कहा महर्षि परशुराम को एक आदर्श अवतारी बताया जिन्होंने आजीवन अन्याय अत्याचार के विरुद्व संघर्ष किया उनके जन्म उत्सव पर उनके अनुयाई संगठित होकर वर्तमान में कोरोना महामारी के विरुद्व संघर्ष करते हुए जरूरतमंद गरीबों की सेवा करें यही भगवान परशुराम की वंदना होगी। इस अवसर पर अन्य कवियों अजय गौड़, देवेश, आशु राणा, प्रताप, देवी सिंह, निडर आदि मोबाइल पर थे।

इनपुट : राजदीप तोमर

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