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सिकंदराराऊ – वैशिवक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण का असर त्यौहारों पर भी देखा जा सकता है । यह इतिहास का पहला मौका है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ईद उल फितर की नमाज ईदगाह एवं मस्जिदों में अता नही की गई। लॉकडाउन पार्ट 4 के चलते इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा ईद उल फितर की नमाज ईदगाह एवं मस्जिदों के बजाय घरों पर रह कर अता की गई। मुस्लिम भाइयो ने एक दूसरे को गले मिलने के बजाय सोशल सिस्टेंडिंग का पालन करते हुए मुबारकबाद दी तथा सोशल मीडिया के माध्यम से भी हिन्दू मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे को बधाई दी। कस्बा के पुरानी तहसील पर स्थित शाही जामा मस्जिद के पेश इमाम रफीक उल कादिरी ने अकेले नमाज अता की । मुस्लिम भाइयों एवं छोटे छोटे बच्चों ने घरों में नमाज अता कर देश व कौम की सलामती तथा देश मे फैली कोरोना महामारी के खात्मे की हाथ उठाकर अल्हा से दुआएं माँगी। इस संकट की घड़ी के चलते मुस्लिम भाइयों एवं बच्चों ने नए कपड़े नहीं पहने एवं उनमें ईद का उत्साह भी कम नजर आया। पूर्व चेयरमैन पति व प्रवक्ता इकराम क़ुरैशी ने कहा कि विश्व में फैली महामारी के चलते इस बार मुस्लिम भाइयों ने ईद का पर्व हर्षोल्लास के साथ नहीं मनाया है । वही अल्लाह के बन्दों ने अल्लाह की इबादत कर एवं नमाज अता करते हुए विश्व में फैली कोरोना महामारी के खात्मे की दुआएं मांगी है। लॉकडाउन के चलते हुए ईदगाह एवं मस्जिदों पर पुलिस बल तैनात रहा। वही उपजिलाधिकारी विजय कुमार शर्मा , सीओ डॉ राजीव कुमार सिंह , कोतवाली प्रभारी प्रवेश राणा कस्बा की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।