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हाथरस : सादाबाद क्षेत्र के गांव ढकरई निवासी होनहार छात्र ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए एक विशेष सॉफ्टवेयर अपने साथियों के साथ मिलकर तैयार किया है। यह सॉफ्टवेयर यह बताने में सक्षम है कि अगले वर्ष में गेहूं और धान की फसलों का उत्पादन कितना होगा।

गांव ढकरई निवासी शिक्षक केपी सिंह के बेटे गौरव चौधरी उर्फ पंकज ने TV30 INDIA को फोन पर बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कराई गई स्मार्ट हैकथान में यह सॉफ्टवेयर उन्होंने बिहार सरकार के कृषि विभाग के लिए तैयार किया है, जिसमें उनकी टीम को पहला स्थान मिला है। गौरव चौधरी ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर एक पैटर्न पर काम करता है, जिसमें सेटेलाइट इमेज के जरिये मिट्टी में नमी, तापमान और नाइट्रोजन जैसे तत्वों का पता लगाया जाता है। इसके आधार पर आने वाले साल के उत्पादन की गणना की जाती है, जो सटीक बैठती है। इससे नीति बनाने में मदद मिलेगी। अगर फसलों का उत्पादन कम होता है तो कमी के संकट से निपटने के लिए इसका आयात किया जा सकता है और इसके विपरीत यदि फसलों का उत्पादन अधिक होता है तो फसलों का निर्यात किया जा सकता है। यह सॉफ्टवेयर फसल उत्पादन का पूर्वानुमान बताने में सक्षम है। पिता केपी सिंह का कहना है कि उनके बेटे ने इस तरह का सॉफ्टवेयर तैयार कर हाथरस जिले का नाम रोशन किया है, उन्हें उस पर गर्व है।

 

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