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एटा : जिलाधिकारी डा0 विभा चहल ने बुधवार को देर शाम शहर के जीटी रोड पर संचालित डा0 मनोज भारद्वाज के क्लीनिक पर पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। डीएम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि क्लीनिक पर चिकित्सक डा0 मनोज भारद्वाज उपस्थित नहीं थे, एक अन्य व्यक्ति क्लीनिक पर उपस्थित था। प्रीती पत्नी अश्वनी कुमार शर्मा निवासी वनगांव एटा क्लीनिक पर भर्ती थी, जिनके डीएनएस लगाई जा रही थी। मरीज के साथ एक अन्य बालिका भी मौजूद मिली, जानकारी के दौरान मरीज ने बताया कि उसे बुखार है।
डीएम ने इस दौरान मरीज का पर्चा और दी गई दवाओं को चैक किया। पैथोलाॅजी रिपोर्ट देखने पर पाया गया कि अवैध रूप से पैथोलाॅजी संचालित है, जिस पर किसी भी चिकित्सक का नाम अंकित नहीं हैं। मरीज द्वारा बताया गया कि उनका ब्लड सैम्पल क्लीनिक पर ही लिया गया है, जिसके बाद रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। निरीक्षण के कुछ देर बाद चिकित्सक डा0 मनोज भारद्वाज उपस्थित हुए, क्लीनिक पर उनके द्वारा कोई भी पंजीकरण संख्या चस्पा नहीं की गई। वे अपनी डिग्री भी नहीं दिखा सके। उनके पास सिर्फ एक प्रोबीजनल सर्टिफिकेट मिला।
डीएम द्वारा चिकित्सक से पूछताछ के दौरान इलाज के संबंध में चिकित्सक कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। मरीज को बुखार के बावजूद उसका कोविड टेस्ट नहीं किया गया और सीधे तौर पर उसका इलाज किया जा रहा था। मरीज की केस स्टडी एवं एग्जामिनेशन भी नहीं किया गया। डीएम ने उक्त स्थिति को गंभीरता से लेते हुए क्लीनिक पर अनियमितताएं पाए जाने एवं चिकित्सक द्वारा डिग्री की स्थिति स्पष्ट न किए जाने पर क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सीज कराने की कार्यवाही की।

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