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दिल्ली : हमारी गोदी मीडियाका पसंदीदा विषय है-पाकिस्तान। पाकिस्तान में सरकार कोई भी हो,किसी की भी हो, उसकी हर छोटी-बड़ी विफलता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना गोदी मीडिया का प्रमुख शगल है।

लेकिन,अपने देश में खुद उनकी क्या स्थिति है,यह उनकी प्रस्तुतियोंमें कहीं दिखता नहीं। मीडिया के क्षेत्र में लगभग 12लाख लोग रोजी-रोटी पा रहे थे, लेकिन आधे से अधिक बेरोजगार हो गए,यह उनको दिखता नहीं।विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक,2021 के अनुसार,180देशों की सूची में भारत 142वें नंबर पर है,यह गोदी मीडिया को शर्मिन्दा नहीं करता।
भुखमरी की समस्या से जूझ रहे 116देशों की सूची में भारत 101वें नंबर पर है,इस सूची में पाकिस्तान,नेपाल, बांग्लादेश,बर्मा, श्रीलंका जैसे देश हमसे आगे हैं,यह गोदी मीडिया को सूझता ही नहीं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा वर्ष 2020के लिए जारी रिपोर्ट के अनुसार 189देशों की सूची में हम 189देशों की सूची में हम 131वें नंबर पर हैं,यह गोदी मीडिया की चिंता का विषय नहीं बन पाता।
इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था होने के कारण वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में पिछले साल की तुलना में 10स्थान फिसलकर 68वें स्थान पर हैं,यह गोदी मीडियाके विमर्श का हिस्सा नहीं बन पाता।
विश्व खुशी सूचकांक में हम 139वें स्थान पर हैं,इस पर गोदी मीडिया कभी चर्चा नहीं करता।
मानव पूंजी सूचकांक में हम 78वें स्थान पर हैंअसमानता कम करनेको प्रतिबद्ध 158देशों की सूची में हम 129वें स्थान पर हैं,इस पर गोदी मीडियामें कभी बहस नहीं होती।
युवा विकास के क्षेत्र में सिंगापुर पहले नंबर पर और हम 122वें नंबर पर हैं,यह मीडिया में सुर्खियां नहीं बटोरता।
लैंगिक समानता जिन 129देशोंमें चिंताजनक स्थिति में है,उस सूची में हम 95वें नंबर पर हैं,यह गोदी मीडिया इस पर कभी संवाद नहीं करता।

रिपोर्ट : पंकज श्रीवास्तव

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