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ब्राह्मण महासभा उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रेटर नोएडा के टिवोली क्लब में भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, विशिष्ट अतिथि दादरी की चेयरमैन गीता पंडित एवं संरक्षक ब्रह्मदेव शर्मा, ब्राह्मण सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्र पचौरी एवं राष्ट्रीय संगठन प्रभारी विजयवर्ती पाठक ने भगवान परशुराम की चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके तथा माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संरक्षक एमपी शर्मा ने की एवं संचालन महेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले विप्र जनों एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों का फूल माला , पटका पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट करके भव्य स्वागत किया गया। ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भगवान परशुराम के जीवन के बारे में प्रकाश डालते हुए सभी लोगों को उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मण ने हमेशा त्याग और बलिदान किया है। इसीलिए ब्राह्मण समाज को पूज्यनीय कहा गया है। कोई भी व्यक्ति पूज्यनीय यूं ही नहीं हो जाता, इसके लिए त्याग करना पड़ता है। जब-जब सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा की बात आई, हमेशा ब्राह्मण अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखाई दिया है। सनातन धर्म के शत्रुओं के शीश काटे हैं तो अपने शीश कटाने से भी पीछे नहीं रहा। ब्राह्मण कभी अत्याचार व पाप के सामने नहीं झुका है और न झुकेगा। सभी ब्राह्मण बंधुओं को अपनी इस नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा । तभी ब्राह्मण समाज में पूज्यनीय रहेगा। ब्राह्मणों ने सदैव सभी वर्गों का साथ दिया है और मार्गदर्शन किया है। हम सब के ऊपर सनातन धर्म के सभी वर्गों और अंगों को साथ लेकर राष्ट्र रक्षा की जिम्मेदारी है। इसके लिए सब आगे आएं और एकजुट होकर प्रयास करें । उन्होंने जातिगत आरक्षण को राष्ट्र की प्रगति में बाधक बना बताते हुए कहा कि आरक्षण व्यवस्था जाति आधारित नहीं बल्कि आर्थिक स्तर पर होनी चाहिए। इससे जातिवाद समाप्त होगा और सभी वर्गों के गरीब और कमजोर लोगों को समान अवसर मिल सकेंगे। श्री चतुर्वेदी ने एससी एसटी एक्ट के आधार पर होने वाले उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूरे देश में इस प्रकार के मामले सामने आते हैं। इसलिए इस एक्ट को न्याय संगत स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिए। किसी पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए निर्दोष लोगों की बलि नहीं चढ़ाई जा सकती। यदि कोई झूठा आरोप लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान होना चाहिए। कश्मीरी पंडितों को भी उनकी सुरक्षा और अधिकार की गारंटी सुनिश्चित की जाए। सरकार बेहतर तरीके से कार्य कर रही है। लेकिन और अधिक प्रयास इस मामले में किए जाने की जरूरत है । अंत में संरक्षक एमपी शर्मा ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर जीपी गोस्वामी, महेंद्र प्रताप शर्मा, धर्म प्रकाश शर्मा ,कुलदीप शर्मा, ममता तिवारी, डॉ प्रियंका झा, महेश शर्मा, वेद कुमारी मुद्गल , सुमन कुमार शर्मा, यतेंद्र शर्मा, सुनील शर्मा, नीरज शर्मा, गौरव उपाध्याय , अनिल शर्मा , नेम चंद्र शर्मा, दिनेश कुमार दीक्षित, राजेश कुमार शर्मा, देवीशरण शर्मा , राकेश शर्मा , मुकेश कुमार शर्मा, प्रभा कांत शुक्ला , कुसुम लता, अनुराग शर्मा, रवि कांत दीक्षित, गौरव उपाध्याय , सुभाष शर्मा , मनीष कुमार पाठक , अखिलेश शुक्ला आदि मौजूद रहे।