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यूपी के महोबा में MDS चिटफंड कंपनी के बुजुर्ग एजेंट ने पुलिस समझौते से परेशान होकर घर में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है मृतक एजेंट के परिजनों ने चरखारी कोतवाली में तैनात दरोगा श्याम देव सिंह पर फाइनेंस कंपनी के डायरेक्टर से मिलकर दबाव बनाने का आरोप लगाया है तो वही मामले से आक्रोशित परिजनों ने मृतक एजेंट के शव को सड़क पर रखकर कानपुर सागर हाईवे पर जाम लगा दिया है ।

महोबा जिले के चरखारी कोतवाली क्षेत्र के बनाएं गांव में रहने वाले बुजुर्ग ने वर्ष 2013 14 में चरखारी की फाइनेंस चिटफंड कंपनी में गांव के कई खाताधारकों का करीब 1700000 रुपए जमा कराया था । भारी भरकम रकम होने के बाद चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह मुमताज अहमद सहित करीब 6 लोग मौके से फरार हो गए थे। इधर पैसों की वापसी को लेकर ग्रामीण बुजुर्ग एजेंट प्रमोद उदैनिया पर जबरदस्त दबाव बना रहे थे । ऐसे में एजेंट ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार धीरे-धीरे कुछ खाता धारको का पैसा भी चेक के माध्यम से वापस कर दिया था । साथ ही सिविल जज जूनियर डिविजन चरखारी न्यायालय में एक आवेदन देकर सभी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी । जिसके आधार पर सिविल जज जूनियर डिविजन ने कंपनी के डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह सहित सभी छह सदस्यों पर गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज करने के पुलिस को आदेश जारी किए थे । चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर सहित सभी 6 सदस्यों को मुकदमा दर्ज करने को लेकर दरोगा श्याम देव सिंह ने आपस में बैठाकर एक लिखित स्टांप नोटरी सहित एग्रीमेंट साइन करा लिया था। जिसमें चेक संख्या के अलावा कितना बजट यह लोग इस चेक के माध्यम से देंगे वह तय नहीं किया था । बस इसी मामले को लेकर बुजुर्ग एजेंट बेहद परेशान थे । साथ ही बीते रात दरोगा श्याम बिहारी ने स्टांप नोटरी सहित सीओ कार्यालय में जमा करने के लिए बुजुर्ग एजेंट पर दबाव बनाया था। इसी बात से आक्रोशित होकर बुजुर्ग ने अपने ही घर में फांसी का फंदा लगाकर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है । आरोप है कि दरोगा और डायरेक्टर की मिलीभगत के चलते एक बुजुर्ग ने अपनी जान दे दी है । जिससे आक्रोशित परिजनों व नागरिकों ने हाईवे पर जाम लगा दिया है ।

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