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अलीगढ़ : सनातन धर्म के प्रचार प्रसार एवं विश्व शांति की मंगलकामना हेतु शहर के धर्मगुरु एवं वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज द्वारा अनेकों दुर्गम धार्मिक यात्राएं की जा चुकीं हैं। इन यात्राओं में देश विदेश सहित अनेकों तीर्थस्थान दर्शन जैसे वर्ष 2017 में कैलाश मानसरोवर यात्रा के उपरांत बुधवार को लगभग 15 सदस्यीय जत्थे के साथ पांच कैलाश में से एक आदि कैलाश को रवाना हुए।
बुधवार को महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में भगवान शिव के स्वरूप के दर्शन करने को वैदिक ज्योतिष संस्थान के 15 सदस्यों द्वारा 3 कारों में यात्रा प्रारंभ हुई रवानगी से पूर्व अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता गौ भक्त प्रेम जी भागवत,आचार्य गौरव शास्त्री,ऋषि शास्त्री,रवि शास्त्री आदि आचार्यों द्वारा विधिवत पूजन अर्चन एवं हवन यज्ञ किया गया। तत्पश्चात पी के सिंह (जेलर)द्वारा हरी झंडी दिखाकर हर हर महादेव के जयघोषों के साथ यात्रा को रवाना किया। आदि कैलाश यात्रा के विषय में जानकारी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा सिर्फ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेकों धार्मिक तीर्थों को समेटे है। स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ओम पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा के बराबर ही प्रमुखता दी गई है। आदि कैलाश पर भोले बाबा का निवास रहा और पास ही स्थित पार्वती सरोवर माता पार्वती का स्नान स्थल था। ओम पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं पुराणों में भी मिलता है। स्वामी जी ने बताया कि यह यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर भीमताल, कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरती है।जत्थे में प्रमोद वार्ष्णेय,तेजवीर सिंह,शशि गुप्ता,शिब्बू अग्रवाल,प्रमोद वर्मा सहित आदि लोग उपस्थित रहे।

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