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बरेलीः कैंसर कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। इसका भी पूर्णतः उपचार संभव है। बस इसमें जागरूकता की कमी, लापरवाही और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बड़ी बाधा बनती है। कैंसर के इलाज को लेकर आम लोगों के साथ विशेषज्ञों में भी भ्रांतियां हैं। इसी वजह से कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उन्हें दूर कर कैंसर के ज्यादा से ज्यादा मरीजों का समुचित इलाज किया जा सकता है। यह निष्कर्ष एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज में एसोसिएशन आफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट आफ इंडिया के तत्वावधान में यूपी चैप्टर की दो दिनी 33वीं साइंटिफिक कांफ्रेंस के पहले दिन निकल कर सामने आया। अतिथियों ने साइंटिफिक कांफ्रेंस में बरेली का बाजार भी देखा और इसकी तारीफ की।
श्रीराममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में शनिवार को आरंभ हुई कांफ्रेंस का उद्घाटन एस.आर.एम.एस. ट्रस्ट के संस्थापक एवं चेयरमैन देवमूर्ति जी ने किया। इसमें एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति, एसोसिएशन आफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.राजेश वशिष्ठ (बटिंडा), राष्ट्रीय सचिव डा. जीवी गिरि (बंगलुरु), प्रेसिडेंट इलेक्ट डा.मनोज गुप्ता (ऋषिकेश), स्टेट प्रेसिडेंट डा.शालीन कुमार (लखनऊ), स्टेट सेक्रेटरी डा.सुरभि गुप्ता (आगरा), प्रिंसिपल डा.एसबी गुप्ता, डा.आरके चितलांगिया (बरेली), कांफ्रेंस की आयोजन समिति के अध्यक्ष व आर.आर. कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के विभागाध्यक्ष डा.पियूष कुमार और सचिव डा.पवन मेहरोत्रा शामिल हुए। कांफ्रेंस में ऋषिकेश एम्स के कैंसर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) मनोज गुप्ता को डा.बीएन लाल ओरेशन अवार्ड और मध्यप्रदेश के वर्धा स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) निलाय रंजन दत्ता को डा.एमसी पंत ओरेशन अवार्ड दिया गया। साइंटिफिक कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में एस.आर.एम.एस. ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति जी ने कैंसर की भयावहता के साथ मेडिकल कालेज द्वारा स्थापित आर.आर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना और उपलब्धियां बताईं। उन्होंने बताया कि किस तरह 2007 में स्थापना के बाद से ही विश्वस्तरीय सर्जरी, रेडिएशन और मेडिकल ओंकोलॉजी की सुविधाओं प्रदान की जा रही हैं। कैंसर के मरीजों के लिए यहां हाई एनर्जी लीनियर एक्सेलरेटर, 30 चैनल एचडीआर ब्रैकीथेरेपी के साथ ट्रूबीम और पेट स्कैन जैसे अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं और ट्यूमर बोर्ड संचालित है। उन्होंने सभी सुविधाओँ के साथ अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल शुरू किए जाने की भी घोषणा की। कहा कि यहां पर सभी तरह के कैंसर का ट्रीटमेंट आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उद्घाटन सत्र को डा.राजेश वशिष्ठ, डा.मनोज गुप्ता, डा.शालीन कुमार, डा.सुरभि गुप्ता ने भी संबोधित किया। इसमें सभी अतिथियों का स्वागत डा.पियूष कुमार ने किया जबकि डा.पवन मेहरोत्रा सभी का आभार जताया।
उद्घाटन सत्र के साथ साइंटिफिक कांफ्रेंस पहले दिन पांच सत्र हुए। पहले सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ की डा.पुनीता लाल ने सरवाइकल कैंसर के साथ हेड और नेक कैंसर के विषय में जानकारी दी। टाटा मैमोरियल वाराणसी के डा.बीके मिश्रा ने कैंसर के इलाज में आरटी और सीटी की जानकारी दी। होमी भाभा कैंसर हास्पिटल वाराणसी के डा.आशुतोष मुखर्जी ने मुंह के कैंसर और उसके उपचार की जानकारी दी। दूसरे सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ के डा.नीरज रस्तोगी ने गाल ब्लैडर, एसजीपीजीआई लखनऊ की डा.सुषमा अग्रवाल ने पेनक्रियाटिक कैंसर और इसके अत्याधुनिक उपचार की विधियों को बताया। तीसरे सत्र मैक्स हास्पिटल गाजियाबाद की डा.राशि अग्रवाल और केजीएमयू की डा.मृणालिनी वर्मा ने मुंह के कैंसर में कीमोरेडिएशन और प्राइमरी कीमोरेडिएशन को समझाया। चौथे सत्र में यूनाइटेड किंगडम से आए डा.युद्धवीर सिंह नागर ने प्रोस्टेट कैंसर के इलाज की अत्याधुनिक तरीकों की जानकारी दी। नई दिल्ली की शिखा हैदर और डा.अनुरीता श्रीवास्तव ने लिंफ नोड और कैंसर में प्राथमिक कीमोरेडियोथेरेपी की जानकारी दी। पांचवें सत्र में अपोलो कैंसर सेंटर की डा.सपना नांगिया ने फेफड़ों के कैंसर के इलाज की अत्याधुनिक विधियों को बताया। इस मौके पर मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा.आरपी सिंह, सीईटी के डीन एकेडेमिक्स डा.प्रभाकर गुप्ता, डायरेक्टर प्लेसमेंट सेल डा. अनुज कुमार, डीन पीजी डा.पीएल प्रसाद, डीन यूजी डा.नीलिमा मेहरोत्रा सहित सभी विभागाध्यक्ष और फैकेल्टी मेंबर उपस्थित रहे। डा.पियूष कुमार ने कहा कि साइंटिफिक कांफ्रेस में रविवार को तीन सत्र आयोजित होंगे। जिसमें बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन के साथ ही पीजी विद्यार्थियों के लिए कैंसर विषय पर प्रश्नोत्तरी आयोजित होगी। इसके साथ ही “मीट द प्रोफेसर” सेशन होगा। इसके साथ ही कैंसर विशेषज्ञ अपने शोध पत्र पढ़ेंगे।

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