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सिकंदराराऊ : देवेन्द्र दीक्षित शूल अधिवक्ता कवि व समाजसेवी ने कहा है कि 5 दिन से तहसील में नकल खतौनी नहीं निकल रहीं हैं । कृषकों को विभिन्न कार्यों हेतु तहसील से राजस्व अभिलेखों की नकल यानी नकल खतौनी यानी फर्द की आवश्यकता पड़ती है। सैकड़ों कृषक प्रतिदिन तहसील पर अपनी नाम की फर्द लेने को आते हैं। कनेक्टिविटी नहीं है यह सुनकर पूरे दिन बैठ कर वापस चले जाते हैं।
5 दिन से एक भी फर्द नहीं निकली है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को थोड़ी देर के लिए कनेक्टिविटी आई तो कुछ काम हुआ उसके बाद पुनः काम ठप हो गया है ।वहीं 6 वर्ष बाद नकल खतौनी रजिस्टर नया बनाया जाता है उसमें भी अनेकों गड़बड़ियां निकल रहीं हैं । किसी का रकबा कम तो किसी के नाम में अंतर हो जाता है ।
उसके लिए फिर संशोधन की प्रक्रिया से कृषक को गुजरना पड़ता है ।जबकि इसका दायित्व राजस्व विभाग पर ही होना चाहिए ।जैसे ही त्रुटि का पता पड़े तहसील कर्मियों को स्वयं सुधार करना चाहिए। किंतु यह संशोधन का भार भी कृषक पर डाल दिया जाता है।
उन्होंने मांग की है कि संबंधित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि कृषकों की समस्या के समाधान हेतु प्रयास करें।