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बस इतनी तमन्ना है
ऐ माँ मै तुम्हे चाहु
चाहे दुखः का बादल हो
चाहे सुख का दामन हो
बस साथ तुम्हारा हो
ऐ माँ मै तुम्हे चाहु
चाहे सोने की बाला हो
चाहे हीरो की माला हो
कोई मोल नही तेरा
ऐ माँ तु अनमोल है ना
चाहे शिव हो या शंकर
चाहे ब्रम्हा हो या विष्णु
तेरे आगे कोई ना देव
है माँ ना कोई देवता
चाहे काशी हो या विश्वनाथ
चाहे अमरनाथ हो या मथुरा धाम
तेरे चरणो मे ही माँ
चारो धाम बसा है ना
कहती है अंशु ये
अपनी माँ देवंती से
हर जन्मो मे ही माँ
बस तुमको ही मै पाउ
बस इतनी तमन्ना है
ऐ माँ मै तुम्हे चाहु

लेखिका : अंशु आर्या  (मोती )

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