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भगवान परशुराम तपस्वी एवं ब्रह्मचारी थे, 21 बार धरा को अत्याचारियों से विहीन किया : चतुर्वेदी
जयपुर में राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के बैनर तले मनाया गया परशुराम जन्मोत्सव
जयपुर
राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के बैनर तले प्रदेश संयोजक विकास पारीक, प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील जोशी एवं महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा वशिष्ठ की अगुवाई में शनिवार को आगरा रोड स्थिति ब्राह्मण बगीची में भगवान परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया । इस अवसर पर विशाल हवन यज्ञ एवं महा आरती का आयोजन और सम्मान समारोह संपन्न हुआ। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने भगवान परशुराम की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया । यज्ञ के दौरान ब्राह्मण बंधुओं ने विश्व कल्याण की भावना के साथ आहुतियां दीं। तत्पश्चात महा आरती की गई। आयोजन में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा वशिष्ठ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि भगवान परशुराम तपस्वी एवं ब्रह्मचारी थे, उन्होंने 21 बार धरा को अत्याचारियों से विहीन किया था।परशुराम जी का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम जी हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम जी कहलाये।
उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू अभी नहीं जागे तो भविष्य में सनातन संस्कृति को बचाने के लिए सनातनियों को बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। ब्राह्मण ने हमेशा त्याग और बलिदान किया है। इसीलिए ब्राह्मण समाज को पूज्यनीय कहा गया है। कोई भी व्यक्ति पूज्यनीय यूं ही नहीं हो जाता, इसके लिए त्याग करना पड़ता है। जब-जब सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा की बात आई, हमेशा ब्राह्मण अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखाई दिया है। सनातन धर्म के शत्रुओं के शीश काटे हैं तो अपने शीश कटाने से भी पीछे नहीं रहा। ब्राह्मण कभी अत्याचार व पाप के सामने नहीं झुका है और न झुकेगा। सभी ब्राह्मण बंधुओं को अपनी इस नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा । तभी ब्राह्मण समाज में पूज्यनीय रहेगा। ब्राह्मणों के ऊपर सनातन धर्म के सभी वर्गों और अंगों को साथ लेकर राष्ट्र रक्षा की जिम्मेदारी है। उन्होंने जातिगत आरक्षण को राष्ट्र की प्रगति में बाधक बना बताते हुए कहा कि आरक्षण व्यवस्था जाति आधारित नहीं बल्कि आर्थिक स्तर पर होनी चाहिए। इससे जातिवाद समाप्त होगा और सभी वर्गों के गरीब और कमजोर लोगों को समान अवसर मिल सकेंगे।
श्री चतुर्वेदी ने एससी एसटी एक्ट के आधार पर होने वाले उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूरे देश में इस प्रकार के मामले सामने आते हैं। इसलिए इस एक्ट को न्याय संगत स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिए। किसी पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए निर्दोष लोगों की बलि नहीं चढ़ाई जा सकती। यदि कोई झूठा आरोप लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान होना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील जोशी ने कहा कि नई पीढ़ी संस्कारों से विमुक्त होती जा रही है,जबकि हमारे संस्कार भारतीय संस्कृति और सभ्यता का मूल तत्व हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता विष्णुकांत दीक्षित ने कहा कि संस्कार और भारतीय संस्कृति के लगातार हो रहे ह्रास के लिए हम सभी लोग जिम्मेदार हैं। हम अपने बच्चों को अपनी सभ्यता और संस्कारों से परिचित कराना जरूरी नहीं समझते ।
प्रदेश संयोजक विकास पारीक ने कहा कि ब्राह्मण समाज का संगठित होना आवश्यक है। समाज की भलाई के लिए सभी लोग एकजुट हों। सभी ब्राह्मण एक दूसरे का सहयोग करें । टांग खींचने की वजाय हाथ पकड़कर में मदद करें।
सभी अतिथियों का फूल माला , पगड़ी पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट करके भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय प्रवक्ता विष्णुकांत दीक्षित, राष्ट्रीय प्रभारी विनय चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश के युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहित उपाध्याय, रितिक पांडेय, रामकिशोर, ओम प्रकाश दातला, महेश वैद्य, मोहनलाल जी पुजारी, नवल किशोर व्यास ,सुरेश शर्मा ,नरेंद्र शर्मा, सुशील शर्मा ,जगदीश शर्मा आदि मौजूद रहे।

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