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सिकंदराराऊ : श्री राधा कृष्ण मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान कथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा प्रसंग सुनाया गया। कथा में गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।पांचवें दिन कथा व्यास पंडित सुभाष चंद्र दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण एवं गोवर्धन महाराज की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया तथा छप्पन भोग के दर्शन कराए ।
भागवत आचार्य सुभाष चंद्र दीक्षित ने कहा कि जहां सत्य व भक्ति का समन्वय होता है। वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। आज इंसान घमंड में भगवान को भूलता जा रहा है। इस कारण प्राणी चिंता में डूबा हुआ है। भगवान की कृपा तब होती है जब जीव अपना कर्म करके भगवान पर छोड़ देता है। सारी दुनिया का पालन-पोषण भगवान कर रहे हैं। भगवान को अपने भक्त का इंतजार रहता है। हमें शास्त्र के अनुसार चलना चाहिए। आज गलत खानपान के कारण ही लोगों की सेहत खराब हो रही है। हिंदू धर्म का प्रमाण उसके शास्त्र हैं जोकि भगवान का प्रमाण देते हैं। आरती के बाद सबको प्रसाद वितरण किया गया
कथा व्यास ने कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गौ प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए।
पंडित सुभाष चंद्र दीक्षित ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।
कथा के दौरान राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, दवा व्यावसायी गिरजा शंकर शर्मा एवं पूर्व सभासद चेतन शर्मा ने पहुंचकर व्यासपीठ का पूजन करके आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस मौके पर राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी , गिरजाशंकर शर्मा, चेतन शर्मा, प्रकाश गुप्ता, दीपक गुप्ता, संतोष गुप्ता, सुशील गुप्ता, अरविंद गुप्ता , नरेश चतुर्वेदी, विनय चतुर्वेदी, इंद्रदेव पालीवाल, धर्मेंद्र शर्मा, अरविंद शर्मा, सुभाषचंद्र शर्मा, योगेश उपाध्याय, मीरा माहेश्वरी, राधा गुप्ता, खुशबू गुप्ता, हर्षित देव चतुर्वेदी, गौरांशी शर्मा, अभिषेक पंडित, शशिवाला वार्ष्णेय, अनीता गुप्ता, उमंग शर्मा, बृजबिहारी कौशिक, बुद्धसेन शर्मा, कुशाग्र शर्मा, अशोक गुप्ता, दीपक गुप्ता, पंकज गुप्ता, आकाश गुप्ता, राहुल गुप्ता, शौर्य गुप्ता आदि मौजूद रहे।