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सिकंदराराऊ : भाईचारा सेवा समिति के तत्वावधान में गंगा विहार अगसौली चौराहे पर एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता गजलकार जनाव अब्दुल कदीर जिया ने की तथा शायर आतिश सोलंकी ने संचालन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाईचारा सेवा समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव एवं विशिष्ट अतिथि शांति जीवन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ राजपाल सिंह एवं बज्मे शरार संस्था के सचिव एस एस खान की गरिमामयी उपस्थित रही। कार्यक्रम में आमन्त्रित सभी मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि,समाजसेवियों कवियों को आयोजन समिति द्वारा शांल, फूलमालाओं व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कवि सम्मलेन में सरस्वती वंदना शायर अब्दुल कदीर जिया ने की
सरस्वती वंदना के बाद नाते पाक वरिष्ठ कवि महावीर प्रसाद सविता संगम ने सुनाया।
संचालन कर रहे शायर आतिश सोलंकी ने पढ़ा –
तुम्हारी झीलसी आंखों को मैं दर्पन समझता हूं।
तुम्हारे चांद से चेहरे में ही जीवन समझता हूं……..
गजलकार जनाव अब्दुल कदीर जिया ने पढ़ा
है दिखावे की मुहब्बत और मुहब्बत आजकल
छुप नहीं सकती मगर ऐसे हकीकत आजकल………
कवि महावीर प्रसाद सविता संगम ने पढ़ा
मुकुट हिमालय जिसका चरणों में बहती है धारा ‌
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा…..
कवि महेश यादव संघर्षी ने पढ़ा
कोई कोई नफरतों के शीश लेकर आया है।
कोई भाईचारे की किताब लेकर आया है…….
शायर डॉ मुहम्मद मियां साहब ने पढ़ा
तमन्ना थी वो मेरे साथ होते
हसी नगमे जवां जज़्बात होते..
शायर नाजिम बिलरामी ने पढ़ा
क्या तेरे कहने से कोई बेवफा हो जाएगा
दो कदम चल साथ मेरे फैसला हो जाएगा……
कार्यक्रम में रुम सिंह यादव, संजीव कुमार, डॉ विमलेश कुमार, शिक्षिका परवीन बेगम, मोहित कुमार कश्यप, रिंकू यादव, आनंद वर्मा, साधना सिंह अध्यक्ष सहकारी संघ लिमिटेड, शिल्पी माहेश्वरी, देवा बघेल आदि की प्रमुख उपस्थिति रही।

INPUT – VINAY CHATURVEDI