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अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए गंगा स्नान कर करें हरिप्रिया की पूजा : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
अलीगढ। पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन माघ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। तीर्थराज प्रयाग में काल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का ये आखिरी दिन होता है।इस तिथि पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है साथ ही मोक्ष का भागी बनता है।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार कल शुक्रवार सांय 03:33 से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ हो चुका है जो कि आज सांय 06:03 मिनट तक रहेगी इस प्रकार उदया तिथि के हिसाब से आज माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। साल की 12 पूर्णिमा में माघ पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, इस दिन किया गया गंगा स्नान-दान और भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी पूजा कभी खत्म होने वाला पुण्य देती है।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि आज के दिन गंगा स्नान का अत्यंत महत्त्व है क्योंकि इस दिन देवतागण धरती पर आकर गंगा स्नान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 27 नक्षत्रों में एक मघा पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है।माघी पूर्णिमा के महत्व का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है, इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं,साथ ही इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है,पवित्र गंगा स्नान का यदि संयोग न मिल पाए तो गंगा जल युक्त जल से स्नान करके स्वच्छ साफ कपड़े पहन कर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का पंचामृत से अभिषेक करें उसके बाद अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए,सफेद और काले तिल का विशेष रूप से दान देना चाहिए,हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए। घी, फल, गुड़, वस्त्र, चना इत्यादि चीजों का दान करना बेहद शुभ माना गया है।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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